सस्टेनबिलिटी किस तरह मेरे पालन पोषण संबंधी निर्णयों को संचालित करती है।
- क्या आप सस्टेनबल यानी संपोषणीय रूप से अपने शिशु का पालन पोषण करने के विषय में उलझे हुए एक भावी या नए माता पिता हैं? अत्यधिक व्यय से बचते हुए आप किस प्रकार कुछ आसान बदलाव ला सकते हैं; जानने के लिए आगे पढें।
Shraddha Uchil is the consulting features editor at Ethico. After…
माता पिता बनना एक ओर मन को खुशी से भरने वाला तो दूसरी ओर थकाने वाली स्थिति है। इसी के चलते एक समय पर बहुत सारे निर्णय लेने की थकान का आपके ऊपर हावी हो जाना अनिवार्य है। आपके शिशु को कितने वस्त्रों की आवश्यकता है? किस प्रकार के? और खिलौनों का क्या? क्या आपने बोतलों और डाइपर्स का ढेर लगा लिया है? इसके परिणाम्वरूप हम आवश्यकता से अधिक खरीदारी कर लेते हैं। मानें या नहीं, शिशु चाहे कितने छोटे हों, पर्यावरण पर उनका गहरा प्रभाव है।
यदि आप एक नए माता-पिता हैं और आप यह पढ़ रहे हैं, यह समझ ध्यान में रखें कि उद्देश्य शिशु का पूर्ण रूप से 'ज़ीरो वेस्ट' पालानपोषण नहीं है, अपितु कुछ छोटे समायोजन करना है -- जिस सीमा तक सस्टेनबल अभ्यास और प्रभावी परिवर्तन आप और आपके परिवार के लिए सुविधाजनक हो।
सस्टेनबल मार्ग को अपनाते हुए हमने पारिवारिक स्तर पर अपनी 9 माह की बेटी के पालन पोषण के लिए कुछ प्रयास किए हैं जो इस प्रकार हैं।
डिस्पोज़ेबल डाइपर्स की अपेक्षा कपड़े के डाइपर्स चुनें।
जब मैं अपनी बेटी के समय गर्भवती थी, मेरी एक दोस्त ने फेसबुक पर मुझे क्लॉथ डाइपरिंग इंडियानामक एक ग्रुप में शामिल किया। इस ग्रुप में शामिल होने से पहले में नहीं जानती थी कि पारंपरिक भारतीय लंगोट के परे भी कपड़े से बने डाइपर्स होते हैं। अनायास मेरे लिए एक नए जगत का द्वार खुला। क्लॉथ डाइपरिंग की गहराई तक जाने पर मैं फ़्लैट्स', 'प्रिफ़ोल्ड्स', 'कवर डाइपर्स', 'पॉकेट डाइपर्स' और 'ऑल इन वन्स'जैसे शब्दों से परिचित हुई। मेरे शिशु के आने के कुछ माह के बाद मैंने अपनी एकत्र की हुए जानकारी का उपयोग करते हुए क्लॉथ यानी कपड़े से बने डाइपर्स का अपना पहला ऑर्डर दिया। आज मैं अपने इस निर्णय के लिए बेहद खुश हूं।
यद्यपि एक बात यह भी है कि यदि आपके लिए पूरी तरह सुविधाजनक नहीं है तो आपको तुरंत पूर्ण बदलाव लाने कि आवश्यकता नहीं है। प्रतिदिन मात्र एक क्लॉथ डाइपर्स प्रयोग करने का अर्थ यह हुआ कि समय के साथ आप हज़ारों डिस्पोज़ेबल डाइपर्स को लैंडफिल में जाने से रोक रहे हैं जहां उन्हें नष्ट होने में 500 से भी अधिक वर्ष लग जाते हैं।क्लॉथ डाइपर्स आपके शिशु की त्वचा के लिए बेहतर होने के साथ लंबे समय में आपको पैसों की बचत करने में भी सहायता करते हैं। यह भी सत्य है कि इन क्लॉथ डाइपर्स को धोने और सुखाने के लिए भारी मात्रा में ऊर्जा और पानी की खपत का पर्यावरण पर समान रूप से एक नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। मैंने इन डाइपर्स का पहले हाथ से धोकर और फिर घर के कपड़ों की धुलाई के साथ वॉशिंग मशीन में डालकर और उन्हीं के साथ खुले में सुखाकर इस समस्या का समाधान कुछ हद तक कर लिया है।
नई वस्तुओं को खरीदने की जगह पूर्व-प्रिय वस्तुओं की ओर देखें।
घर में एक शिशु के आने के बाद आजकल एक 'रॉकर', 'स्ट्रोलर', 'कार सीट', 'ऐक्टिविटी टेबल', 'प्ले यार्ड', 'हाई चेयर' जैसे और कुछ खेल के जुगाड़ आपके घर का हिस्सा बन जाते हैं। इन सभी वस्तुओं में एक बात कि समानता है कि ये सभी प्रायः प्लास्टिक के बने होते हैं। हालांकि इन वस्तुओं को दूर कर देना पूरी तरह से व्यावहारिक नहीं है, आप भी वो कर सकते हैं जो हमने चुना -- यह समान आप मित्रों और परिवार से जिनके बच्चे बड़े हो चुके हैं, उनसे ले सकते हैं। उदाहणार्थ हमारी बेटी की 'कार सीट', 'रॉकर', और 'बूस्टर चेयर', मित्रों से ही प्राप्त की गई हैं। हमने निर्णय लिया कि 'स्ट्रोलर' और 'ऐक्टिविटी टेबल' जैसी अन्य बहुत सी वस्तुओं की वास्तव में हमें आवशयकता नहीं थी।
अपनी आश्यकताओं को जान लेने के बाद अपने परिचितों को अपनी इच्छित वस्तुओं के बारे में बता दें। यदि इससे वांछित परिणाम ना निकले तो ऐसे अनेक फेसबुक ग्रुप्स भी हैं जो पूर्व-प्रिय सामान बेचते हैं, आप अनपर पोस्ट डाल सकते हैं या उनके माध्यम से अपनी इच्छित वस्तु ढूंढ सकते हैं। केवल यह सुनिश्चित कर लें कि वे पुरानी वस्तुएं खरीदने योग्य हों।अंततः जो महंगी वस्तुएं हमने ख़रीदीं थीं 'प्ले यार्ड' और 'एर्गोनोमिक लिनेन बेबी कैरियर' उन्हें हमारे उद्देश्य पूर्ति होने के बाद हम किसी अन्य को दे देने का विचार रखते हैं।
जब बात खिलौनों की हो, सादगी से सोचें।
लुभावनी ध्वनियों और चमचमाती रौशनिओं वाले चमकदार और रंगबिरंगे विद्युतीय खिलौने लेना बहुत मोहक है। निःसंदेह वे आकर्षक होते हैं। परन्तु यदि मैं आपको एक ऐसी वस्तु के बारे में बताऊं जो ना केवल पर्यावरण अपितु आपके शिशु के लिए भी बेहतर है? पाया गया है यद्यपि उत्तेजक होते हुए भी विद्युत खिलौने आपके शिशु की कल्पनाशीलता और खोज परखता को प्रोत्साहित नहीं करते और वास्तव में उनके विकास में बाधक होते हैं।.
वहीं दूसरी ओर अधिकांश खोजों से यह सिद्ध हुआ है कि 'लकड़ी के कठोर बॉक्स', 'घर में बनी मोल्डिंग क्ले' और 'स्टैकिंग रिंग्स' जैसे सरल खिलौनों से खेलना बच्चों को खुलकर खेलने और रचनात्मक बनने के लिए प्रेरित करता है। इन सामान्य खेलों की सबसे अच्छी बात यह है कि आप चुन सकते हैं जो कपड़े, लकड़ी या फिर प्राकृतिक रबड़ जैसी सस्टेनेबल सामग्री से बने हों। क्योंकि इन खिलौनों में प्लास्टिक के खिलौनों के विपरीत 'पी.वी.सी.', 'थैलेट' और अन्य रसायनों के ना होने के कारण ये ना केवल आपके शिशु अपितु पर्यावरण के लिए भी बेहतर हैं।
शिशु के कपड़ों का ढेर ना लगने दें।
एक भावी या नए माता पिता के रूप में खरीदारी करते समय शिशु के कपड़े एक अप्रतिरोध्य वस्तु है। उन प्यारे 'वनसीस', 'टूटू स्कर्ट्स' और 'रॉम्पर्स' को देख कर उनके वशिभूत होकर अपनी आवश्यकता से अधिक खरीदारी करना सहज है। पर क्या आपके शिशु को इतने कपड़ों कि आवश्यकता है? जन्म के पहले वर्ष में शिशु अविश्वसनीय गति से विकसित होता हैऔर प्रायः अपने जन्म के वज़न से तीन गुना और कद से लगभग 10 इंच अधिक लंबाई प्राप्त कर लेता है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि उस अवधि में बढ़ने वाले शिशु को कितने जोड़ी कपड़ों की आवश्यकता होती है। इससे ना केवल हम अत्यधिक अपव्यय कर देते हैं (शिशुओं के कपड़े प्रायः बड़ों की पोशाकों के समान ही महंगे होते हैं) बल्कि यह फैशन इंडस्ट्री द्वारा उत्पन्न किए गए प्रदूषण में भी वृद्धि का कारण बनते हैं।
ऐसे में हमने, जितना संभव हो, जिन मित्रों के बच्चे बड़े हो चुके हों, उनके कपड़े हमें देने का आग्रह करने का निर्णय लिया है। जब हमें खरीदने भी पड़ते हैं, हम लेबल्स को ध्यापूर्वक देखते हैं और तब हम 'पॉलिस्टर' जैसे पर्यावरण के लिए हानिकारक कपड़े की अपेक्षा 'बांस' और ' ऑर्गेनिक कॉटन' जैसे सस्टेनेबल कपड़ों का चुनाव करते हैं। अंततः हम खरीदे गए या प्राप्त किए गए कपड़ों को अपने परिचितों के बीच किसी अगले शिशु तक पहुंचा कर अपना प्यार बांटते हैं।
अपने परिवार के लिए सार्थक उपहार देने के लिए कहें।
शिष्टाचार का तकाज़ा आपको जो उपहार विनयपूर्वक दिया गया है, उसको स्वीकार करने को कहता है और मांग करने को बुरा मानता है। यद्यपि निकट परिवार और करीबी मित्रों की बात हो तो कठोर नियमों की आश्यकता नहीं है। प्रायः कई बार लोग हमसे पूछते हैं कि ऐसी 'वस्तुओं जो हमारे प्रयोग में नहीं आएंगी' के विपरीत क्या कोई ऐसी विशेष उपयोगी और सार्थक वस्तु है जो वे हमें दे सकते हैं। तो अपनी इच्छित वस्तुओं की खोज के लिए समय निकालें और पर्यावरण हितैषी उपहार देने के लिए कहें।
जबकि हम सब पर्यावरण पर अपने प्रभाव के विषय में अधिकाधिक जागरुक हो रहे हैं, ऐसे में आज हमारे पास बड़ी संख्या में सस्टेनबल विकल्प उपलब्ध हैं। ऑर्गेनिक पहनावे और लकड़ी के खिलौनों से लेकर रबड़ के टिथर और स्टील या पेड़ पौधों से बने बर्तनों तक प्रत्येक वस्तु अब हमारी पहुंच में है। आपको केवल अपने चारों ओर देखने की आवश्यकता है।
श्रद्धा उचिल एथिको में कंसल्टिंग फ़ीचर्स एडिटर के रूप में काम करती हैं। लगभग एक दशक तक बड़े प्रकाशनों के लिए खान-पान, व्यंजन और संस्कृति पर लिखने के बाद, श्रद्धा अब माँ का नया किरदार निभा रहीं है। अब वह सोचतीं है कि वह इस पृथ्वी को आने वाली पीढ़ियों के लिए कैसे बचा सकतीं हैं।