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प्रदूषण को कागज़ पर उतारना

प्रदूषण को कागज़ पर उतारना

Siddhant Ghalla
  • वायु प्रदूषण पर्यावरण के प्रति विनाशकारी है तथा वैश्विक स्तर पर प्रति वर्ष लाखों लोगों की मृत्यु का कारण बनता है। परन्तु 'ग्रैविकी लैब्स' ने कार्बन उत्सर्जन को अधिकृत कर उसे एक व्यावसायिक रूप से संगत स्याही में रूपांतरित करने का मार्ग खोज निकाला है।

सामान्य तौर पर यह एक शिष्ट एवं प्रत्यक्ष रूप से स्पष्ट विचार प्रतीत होता है। उद्योगों में अधिकतर प्रयोग में लाई जाने वाली 'काली स्याही' कार्बन वर्णक को तरल माध्यम में विघटित करके तैयार की जाती है। पारंपरिक रूप से काली स्याही जीवाश्म ईंधनों के जलने से उत्पन्न कार्बन उत्सर्जन को अधिकृत करके उत्पादित की जाती है। यह जीवाश्म ईंधनों को जला कर कार्बन उत्सर्जन को अधिकृत ना करने की प्रक्रिया बहुतायत में अन्य उद्योगों द्वारा अपनाई जाती है। इसलिए यदि आपके लिए आसानी से कार्बन इस रूप में उपलब्ध है, तो फिर आप अन्य लोगों की तरह स्वयं जीवाश्म ईंधन खरीद कर उसे जलाने का श्रम क्यों करना चाहेंगे?

अद्भुत विचार प्रायः इसी प्रकार से पैदा होते हैं। ये प्रत्यक्ष रूप से हमारे बहुत निकट होते हैं। हमारे आसपास धुंधले रूप में मौजूद होते हैं, तब तक प्रकट नहीं होते जब तक कोई दक्ष और चतुर व्यक्ति उसकी अद्भुत खोज के हर्षपूर्ण क्षण को अनुभव नहीं करता। 'अनिरुद्ध शर्मा' के लिए यह क्षण सन् 2012 में आया जब उन्होंने एक डीज़ल जनरेटर में से निष्कासित उत्सर्जन के कारण उसकी काली दीवार को देखा। उन्होंने एक छोटा यंत्र बनाया जिससे जलती हुई मोमबत्ती की कालिख को एकत्रित किया और उसे वनस्पति तेल और वोदका में मिलाकर को बनाया वह अंततः 'एअर इंक' बनकर तैयार हो गई।

AIR-INK is currently manufactured in small batches, and each batch is tested for adherence to quality, safety, and biodegradability standards.

सन् 2016 में सार्वजनिक रूप से उत्पादित 'ग्रैविकी लैब्स' में बनी 'एअर इंक' व्यावसायिक रूप से उपलब्ध होने वाली पहली काली स्याही है। इसके प्रारम्भ के समय से ही इसे 'हेनेकेन' और 'मास्टरकार्ड' द्वारा प्रारम्भ किए गए जागरुकता और सस्टेनबिलिटी परियोजना कार्यों में दर्शाया गया। और वर्तमान में यह पैकेजिंग 'सिल्क स्क्रीन प्रिंटिंग' और 'लेखन उपकरणों' की स्याही के रूप में उपलब्ध है। सन् 2019 में इसे 'टाइम मैगज़ीन' द्वारा वर्ष की सर्वश्रेष्ठ सस्टेनबिलिटी खोज के रूप में पुरस्कृत किया गया।

'ग्रैविकी लैब्स', जिसके कार्यालय नई दिल्ली और कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स में है, ने एक यंत्र को विकसित किया को कार्बन के कणों को आगे की प्रक्रिया के लिए एकत्र करता है और इन्हें मौजूद उत्सर्जन की आधिकारिक संरचना में वापस स्थित कर देता है। 'एअर इंक' वर्तमान में लघु समूहों में उत्पादित की जाती है और प्रत्येक समूह का बारीकी से परीक्षण किया जाता है ताकि इसकी गुणात्मकता, सुरक्षा, जैवक्षरण मानक निश्चित तौर पर बने रहें।


Graviky Labs used this video as part of its Kickstarter campaign to raise funds for scaling up AIR-INK production.

'ग्रैविकी लैब्स' की शक्ति इसकी औद्योगिक उत्सर्जन से निकले ऊंचे घनत्व वाले कार्बन युक्त कणों को पुनर्प्रयोग करके उसे उच्चगुणात्मक स्याही में बदलने में निहित है। गणनीय कार्बन उत्सर्जन को घटाने के अतिरिक्त 'एअर इंक' पारंपरिक पैट्रोलियम- आधारित स्याही के समान है अथवा उससे भी श्रेष्ठ है। वर्तमान में उद्योगों में उपलब्ध स्याहियां जीवाश्म ईंधनों को जलाकर बने हुए वर्णकों से बनाई जाती हैं। 'ग्रैविकी लैब्स' की 'अलीशा पाठक' कहती हैं, "इसके अतिरिक्त हमारी स्याहियान जल आधारित हैं।"

'एअर इंक' वर्तमान में प्रकाशन की आधारिक संरचना के अनुकूल है और इसकी प्रक्रिया और यंत्र के किसी भी भाग में सुधार की आवश्यकता नहीं है। यह औद्योगिक रूप से उपलब्ध काली स्याही का समुचित विकल्प है। आजकल यह पारंपरिक स्याहियों की अपेक्षा थोड़ी सी महंगी है तथापि पैमाने की अर्थव्यवस्था के बढ़ने के साथ साथ इसकी कीमत भी नीचे आने की आशा है।

Artist Kristopher Ho using an AIR-INK marker to create a mural on the streets of Hong Kong.

हालांकि 'एअर इंक' को पहले कलाकारों ने ग्रहण किया और उसे प्रयोग करते रहे पर 'ग्रैविकी लैब्स' वर्तमान में कार्बन कणों को उनके उत्सर्जन से एकत्र करने का और उसका पुनर्प्रयोग करने का कार्य कर रही है वर्ना यह सब या तो अंतिम रूप से लैंडफिल्स में चला जाता या जल निकायों में। वे कार्य का पैमाना बढ़ा रहे हैं, 'एअर इंक' के प्रयोग का क्षेत्र बढ़ाने के लिए इसे विभिन्न वर्गों में तैयार कर रहे हैं, और 'कार्बन ऑफ़सेट' के निर्माण और ग्रहण करने वालों की आधार सूची पर कार्य कर रहे हैं। उनकी व्यापक दृष्टि समुदाय तकनीक और रचनात्मकता के तालमेल पर आधारित एक पर्यावरणीय रूप से सजग भविष्य को बनाने पर टिकी है।

पाठक कहती हैं, "वर्तमान में औद्योगिक रूप से उपलब्ध श्याम वर्णक 'कार्बन ब्लैक' कहलाता है। और यह आपके चारों ओर दिखाई देने वाले काले समान में प्रयोग होता है जैसे आपका फ़ोन, लैपटॉप, जूते, शू पॉलिश, सर्किट्स, टायर, टाइलें और टीशर्ट्स, प्रत्येक चीज़ में! यह। व्यग्रता का विषय है कि कार्बन ब्लैक किस हद तक सर्वव्यापी है। इन सभी स्थानों पर पुनर्प्रयोग की जाने वाली ब्लैक कार्बन को ग्रहण करने की संभावनाएं मौजूद हैं।" 'ग्रैविकी लैब्स' अपने सहयोगियों के साथ विभिन्न उद्योगों की वर्णक संबंधी आवश्यकताओं को समझने और पारंपरिक रूप से वर्णक उत्पादन की ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन प्रक्रिया समाप्त करने की आवश्यक स्तर तक पहुंचने का कार्य कर रही है।

अधिकतर 'ग्रैविकी लैब्स' के उत्पाद सामान्य रूप से बाजारों में उपलब्ध नहीं हैं (इसके मार्कर के अतिरिक्त जो कि न्यू यॉर्क सिटी के 'कूपर हैविट स्टोर' पर बड़ी मात्रा में उपलब्ध है)। फिर भी आप किसी स्याही कि आवश्यकता के लिए उनसे प्रत्यक्ष संपर्क कर सकते हैं। वे कहती हैं,"हमारी प्रयोगशाला छोटी है और हम बड़ी संख्या में विभिन्न प्रकार की स्याहियां बनाने पर कार्य कर रहे हैं ताकि यह उद्योग एक गणनीय रूप से घटने वाले कार्बन पदचिन्हों के साथ एक चक्रीय प्रक्रिया वाला सस्टेनेबल उद्योग बन सके।"

पुनश्च एक सरल समाधान हमारे वर्तमान को सुरक्षित कर सकता है। यह एक प्रत्यक्ष सत्य है।

Image and Video Courtesy: Graviky Labs

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