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ग्रीन होम की ओर सिंपल स्टेप्स

ग्रीन होम की ओर सिंपल स्टेप्स

Bhavini Pant
  • हमेशा छोटी चीजें मैटर करती हैं, है ना? अपने घर को और सस्टेनेबल बनाने के लिए ये आसान स्टेप्स फॉलो करें
Image Source: Dreamstime

नैचुरली क्लीन करें

सुपरमार्केट्स में बहुत सारी रैक्स अलग-अलग तरीकों के क्लीनिंग एजेंट से भरी हुई रहती हैं। पर क्लीनिंग के इतने कॉम्प्लिकेटेड अफ़ेयर बनने से पहले लोग घर के बने नेचुरल, ऑल-पर्पस क्लीनर काम में लेते थे! व्हाइट विनेगर और बेकिंग सोडा का मिक्स (जिसमें आप अपनी पसंद का एसेंशियल ऑयल डाल सकते हैं) अलग-अलग पर्पस सॉल्व करता है — किड्ज़ रूम के स्टिकी कॉर्नर से ले कर ग्रीज़ी किचन टॉप्स तक — हर चीज़ साफ़ कर देता है। घर पर बायो-एन्ज़ाइम (नेचुरल मल्टी-पर्पस क्लीनिंग एजेंट) बनाना भी उतना मुश्किल नहीं है जितना दिखता है। आप कैसे अपना ऑर्गेनिक बायो-एन्ज़ाइम अपने किचन के नेचुरल इंग्रेडिएंट्स के साथ बना सकते है जानने के लिए ये वीडियो देखें:


इमेज सोर्स: गूगल

एनर्जी स्मार्ट बनें

अगर सोलर पावर का ऑप्शन आपके लिए नहीं है, परेशान न हों। कम एनर्जी यूज़ करने वाले एप्लायंस भी कार्बन फुटप्रिंट कम करने में मदद करते हैं। अगली बार आपका नाइट लैंप बंद हो जाए, उसमें एल.इ.डी. बल्ब लगाएं। ये बात दूसरे एप्लायंस पर भी लागू होती है। ये वेबसाइट चेक करें जो सबसे ज़्यादा एनर्जी एफिशिएंट ब्रांड रिव्यु करती है। आप सरप्राइज़ होंगे ये जानकार कि थोड़ी सी रिसर्च आपको माइंडफुल तरीके से जीने में कितनी मदद कर सकती है।

एल.इ.डी. में ट्रेडिशनल लाइटिंग की तरह मर्क्युरी, लेड और आर्सेनिक जैसे टॉक्सिक एलिमेंट नहीं होते हैं तो इनको डिस्पोज़ करना भी सेफ़ होता है। लेकिन इनके 70% कॉम्पोनेन्ट रीसायकल किये जा सकते हैं इसीलिए अच्छा होगा अगर आप अपनी रीसायक्लिंग कंपनी को पहले कॉन्टैक्ट करें। एल.इ.डी. ट्रेडिशनल लाइटिंग से 80% ज़्यादा एफिशिएंट होती है क्योंकि उसकी 95% एनर्जी लाइट में बदलती है और सिर्फ 5% हीट में वेस्ट होती है। दूसरी लाइट से 6 बार ज़्यादा भी चलती है जिसके कारण बार-बार बदलने की ज़रुरत कम होती है। एल.इ.डी. से ज़्यादा सस्टेनेबल सिर्फ़ सनलाइट है। - विनय मटवानी, कोर्टीना लाइटिंग सोल्यूशंस (एक्सपर्ट कमेंट)


इमेज सोर्स: शटर्सस्टॉक

कम्पोस्ट

कम्पोस्ट करना सबसे पुराने, एलिमेंटल तरीकों में से है जिससे आप एनवायरनमेंट के साथ हार्मनी में जी सकते हैं। आप प्रोसेस से डिस्करेज न हों — ये सिर्फ किचन वेस्ट को फैंकने के डायरेक्शन को बदलने जितना आसान है। कम्पोस्टिंग के बेसिक्स यहां चेक आउट करें


Image Source: Tribonet

पानी बचाएं

थोड़े से चेंज करने से आप बहुत पानी बचा सकते हैं। आप अपने टैप और शावर पर एरियेटर इंस्टॉल करने से शुरू कर सकते हैं, गाड़ी धोने के लिए बकेट यूज़ कर सकते हैं, ड्यूअल मोड फ्लश इंस्टाल कर सकते हैं और आज ही टपकते हुए टैप को फ़िक्स कर सकते हैं। रेनवॉटर हार्वेस्टिंग से बहुत सारा पानी बचता है और घरों और अपार्टमेंट्स दोनों में इंस्टाल किया जा सकता है। ये http://raincentre.net/index.php चेकआउट करें जिसने अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स को रेनवॉटर हार्वेस्ट करके दशकों के सबसे खराब ड्राउट से बचाया था। और माइंडफुल टूथब्रशर बनने से भी मदद होती है।

हायड्रोलॉजिकल साइकल में रेन पहला फॉर्म ऑफ़ वॉटर है और इसीलिए हमारे लिए पानी का प्राइमरी सोर्स है। नदी, तालाब और ग्राउंडवाटर सारे सेकेंडरी सोर्स हैं। आज के टाइम में हम पूरी तरह से सेकेंडरी सोर्स पर डिपेंड करते हैं। इस प्रोसेस में ये याद नहीं रहता कि रेन वॉटर का अल्टीमेट सोर्स है जो सारे सेकेंडरी सोर्स को फ़ीड करता है और हम इसकी वैल्यू से अनजान रहते हैं। वॉटर हार्वेस्टिंग रेन की वैल्यू समझने के लिए है और जहाँ पर रेन होती है वहाँ पर रेनवॉटर का ओप्टिमम यूज करने के लिए है। 2,400 स्क्वेर फ़ीट या 223 स्क्वेर मीटर (40 फ़ीट X60 फ़ीट साइट) के ऐरिया में एक साल में 2,23,000 लीटर रेनवॉटर हार्वेस्ट हो सकता है।
- ऐ.आर. शिवकुमार, सीन्यर साइनटिस्ट, कर्नाटक स्टेट काउन्सिल ओफ़ साइयन्स एंड टेक्नॉलजी (के.एस.सी.एस.टी.) एट इनडियन इंस्टिट्यूट ओफ़ साइयन्स (आई.आई.एस.सी.)


इमेज सोर्स: शटर्सस्टॉक

गो सोलर

सोलर एनर्जी थर्मल प्लांट से जेनेरेट हुए एयर पॉल्युशन को कम करती है। बारिश में भी सोलर पैनल रेफ्रेक्टेड लाइट को यूज़ करके एनर्जी बनाता है और बरसते पानी के कारण पैनल क्लीन रहते हैं। सोलर एनर्जी की हाई कॉस्ट लोगों को एकदम से ज़्यादा लगती है लेकिन एक बार स्विच करेंगे तो महंगा इलेक्ट्रिसिटी बिल फिर कभी नहीं देना पड़ेगा। गवर्नमेंट भी सोलर पैनल लगाने पर सब्सिडी देती है। ये एक छोटा वीडियो है जो आपको स्टार्ट करने में मदद करेगा ।

नेट मीटरिंग पॉलिसी के कारण स्विच करना आसान है। एक रूफटॉप सोलर सिस्टम की कॉस्ट प्रोजेक्ट के साइज़ पर डिपेंड करती है। एक 5kW प्रोजेक्ट की कॉस्ट 65,000 से 80,000 के बीच होती है और एक 10kW प्रोजेक्ट की कॉस्ट 47,000 से 65,000 के बीच होती है और इनवेस्टमेंट पर रिटर्न मिलने में 3-4 साल लगते हैं। अर्बन सेटिंग में, बिल्डिंगों के लिए ये सिस्टम अडॉप्ट करना अच्छा है क्योंकि लिफ्ट से ले कर लाइट और पम्प तक सब पावर किया जा सकता है, लेकिन इंडिविजुअल अपार्टमेंट भी सोसाइटी से एन.ओ.सी. मिलने पर इसके लिए ऑप्ट कर सकते हैं।   

हर एक इन्सटॉल्ड किलोवॉट आपके घर का कार्बन फुटप्रिंट 3,000 पाउंड से अधिक हर साल कम करता है। 30GW इंडिया में आलरेडी इन्सटाल्ड है। ये ग्रीन है, कॉस्ट इफ़ेक्टिव है और मेन्टेन करने में आसान है।
- अमन केशवानी, को-फाउंडर, स्कून एनर्जी

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