इस किताब के साथ अपने नेबरहुड के ट्रीज़ को फिर से विज़िट करें
- A charming retelling of the history of our trees, Cities and Canopies offers precious insights into our social and cultural past.
Sushmita Murthy is a features writer with a penchant for…
यदि आप सोशल मीडिया पर हैं तो आपकी फीड पर बहुत बार माइंडफुलनेस और मैडिटेशन ऐप के ऐड आते होंगे। ये वो ऐप हैं जो आपको पीसफुल, सुन्दर सेटिंग (जैसे की पेड़ और झरने) की फोटोज़ या गिफ़ दिखाती हैं ताकि आपको रोज़ के शोर से एक छोटा सा ब्रेक मिल सके। मेरे हिसाब से ये भी हमारे समय की एक आयरनी है की एक ऐप आपको नेचर से जोड़ रही है और वो भी स्क्रीन के माध्यम से!
इस के कारण 'सिटीज़ एंड कैनोपीज़ - ट्रीज़ इन इंडियन सिटीज़' जैसी किताब हमारी जेनरेशन के लिए बहुत रिलेवेंट और ज़रूरी बन जाती है। ये आपको एनकरेज करती है कि जिन ट्रीज़ के पास से आप रोज़ निकलते हैं उनको आप नोटिस करें और उनके बारे में क्यूरियस हों। जैसे, क्या आपको पता था, महाभारत में जिस खांडवा जंगल को अर्जुन और कृष्ण ने इन्द्रप्रस्थ स्थापित करने के लिए जला दिया था वह, माना जाता है कि, हमारी राजधानी दिल्ली है? इंडियन वे ऑफ़ लाइफ़ में रूटेड इमली का पेड़ क्या अफ़्रीकन डिसेंट का है? या पोएट्स और प्रोफिट्स के फ़ेवरिट बरगद के पेड़ के नाम की क्या अलग कहानी है? उसका नाम बैनयन इसीलिए पड़ा क्यूंकि पोर्चुगीज़ लोग उसके नीचे 'बनियाओं' को बैठा देखते थे।
‘क्या आप जानते थे कि पोएट्स और प्रोफिट्स के फ़ेवरिट बरगद के पेड़ के नाम की अपनी अलग कहानी है। उसका नाम बैनयन इसीलिए पड़ा क्यूंकि पोर्चुगीज़ लोग उसके नीचे 'बनियाओं' को बैठा देखते थे।’
इस किताब का चार्म उसके स्टाइल में है जिसमें राइटर्स, बेंगलुरु की अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी के टीचर्स हरिणी नागेन्द्र और सीमा मुण्डोली, ने बोटनी की बातें बहुत सिंपल, इंटरेस्टिंग तरह से समझा दी हैं। हिस्ट्री और माइथोलॉजी को फ़ोक-लोर के साथ मिला करके काफ़ी सारी होम रेमेडीज़ भी दी हैं। हमारे सिटीस्केप में कुछ पेड़ों की भरमार होने और कुछ के डिसअपीयर हो जाने को भी ये किताब समझाती है।
‘ऐन्शिएंट बोटैनिकल टैक्स्ट सुरपाला का वृक्षायुर्वेद कहता है, "जो एक भी पीपल का पौधा रोपेगा, वह हरि को पायेगा।"’
पीपल का पेड़ इंडिया के अनेक भागों में कॉमनली देखा जाता है। पीपल, जिसकी छाँव में गौतम बुद्ध ने एनलाइटनमेंट पाया था, हमेशा से सेक्रेड माना गया है। ऐन्शिएंट बोटैनिकल टैक्स्ट सुरपाला के वृक्षायुर्वेद के अनुसार, "जो एक भी पीपल का पौधा रोपेगा, वह हरि को पायेगा।" लेकिन सारे छायादार पेड़ों का ये लक नहीं होता है। जिस इमली के पेड़ के नीचे लेजेंडरी सिंगर तानसेन का मकबरा है, वह केवल एक ठूंठ बन कर रह गया है। समय के साथ उसकी पत्तियों और छाल को निरंतर निकाल लिया गया था क्योंकि ये मानना था कि जो इनसे बना हुआ काढ़ा पियेगा उसकी आवाज़ में तानसेन का सुर ट्रांसफर हो जाएगी। पर फ़ोक लोर के बारे में ये बात है कि उसकी बाउंड्रीज़ होती हैं ।इससे एक्सप्लेन होता है कि जिस अमलतास को गौंड समाज में फैमिली डिस्कॉर्ड का कारण माना जाता है, उसी अमलतास के फूल को थाईलैंड के नेशनल फ्लावर के रूप में सेलिब्रेट किया गया है।
‘जिस इमली के पेड़ के नीचे लेजेंडरी सिंगर तानसेन का मकबरा है, वह केवल एक ठूंठ बन कर रह गया है। समय के साथ उसकी पत्तियों और छाल को निरंतर निकाल लिया गया था क्योंकि ये मानना था कि जो इनसे बना हुआ काढ़ा पियेगा उसकी आवाज़ में तानसेन का सुर ट्रांसफर हो जाएगी।’
जो लोग अपने बच्चों का ध्यान फ़ोन से हटा कर अच्छी ऑफ़लाइन एक्टिविटीज़ में लगाना चाहते हैं उनके लिए हरिणी और सीमा ने बहुत सारे गेम्स और क्विज़ के आइडिया दिए हैं। बच्चों और बड़ों को बराबर लुभाने वाली इस किताब में अनेक जेम्स हैं। किताब का हर चैप्टर एक प्रसिद्ध पेड़ को समर्पित है जैसे की नारियल (जिसके रूट्स भी इमली की तरह इंडियन नहीं है), इमली, पीपल, खजूर, जामुन आदि। अगली बार जब आप सैर पर निकलें और किसी पेड़ की ब्यूटी को निहारें, आप इस किताब के ज़रिये उस पेड़ की जड़ को एक्स्प्लोर कर सकते हैं। ऐसे टाइम में जहां हमारे चेहरे हमारे फोनों में ही गड़े रहते हैं, 'सिटीज़ एंड कैनोपीज़' आपके लिए ऊपर देखने का एक हैप्पी रीज़न बन सकती है।
सुष्मिता मूर्ति एक फ़ीचर्स राइटर हैं। सस्टेनबिलिटी से सम्बंधित विषयों में रूचि रखती सुष्मिता एक अनुभवी प्रोक्रस्टिनेटर हैं, जो विडम्बना से अपनी जीविका समयसीमा के पीछे भागते हुए कमाती हैं।