‘सस्टेनबिलिटी कोई परहितवाद नहीं है बल्कि एक व्यावहारिक समझ है'
- समाज की अल्प अपशिष्ट समाज सुधारक 'मेहंदी शिदासानी' से मिलिए जो अपने इंस्टाग्राम अकाउंट के माध्यम से लोगों को सस्टेनबल जीवन शैली के विषय में शिक्षित करती रही हैं जहां वे 'कॉंशियस छोकरी' के नाम से जानी जाती हैं।
Suchitra is an independent journalist working on social justice with…
अल्प अपशिष्ट जीवन शैली रातों रात नहीं बनती। इसे बनाने में समय, प्रयास, और इसका आदि होना पड़ता है। परन्तु हर किसी को इसे कहीं ना कहीं से तो शुरू करना पड़ता है और मुंबई निवासी मेहंदी शिवदासानी ने पांच वर्ष पूर्व ऐसा ही किया। आजकल वे कॉंशियस छोकरी के नाम से इंस्टाग्राम पर जाती हैं और जहां वे अल्प अपशिष्ट के विषय में बात करती हैं और वैश्विक कचरा संकट के विषय में जागरुकता फैलाती हैं। वे 'ज़ीरो वेस्ट मुंबई मीट-अप' नामक एक समूह का संचालन भी करती हैं जहां वे अपशिष्ट को कम करने और सस्टेनेबल जीवन शैली की चुनौतियों के विषय में समान विचारधारा वाले लोगों को संवाद के लिए आमंत्रित करती हैं। ऐथिको इंडिया के साथ एक बातचीत में वे अल्प अपशिष्ट जीवन शैली के उतार चढ़ाव के बारे में बताती हैं।
कौन सी घटना ने आपको आपकी अल्प अपशिष्ट यात्रा को प्रारम्भ करने के लिए प्रेरित किया?
सन् 2015 में सिडनी के मैक्वेरी विश्वविद्यालय में सोशल एंटरप्रेन्योरशिप की स्नातकोत्तर उपाधि के लिए
अध्ययन कर रही थी और मैंने विश्वविद्यालय के सस्टेनेबिलिटी कार्यालय में कार्य करना प्रारम्भ किया
था। वहां मैं कुछ ऐसे मित्रों से मिली जो अपने गीले कचरे से खाद बना रहे थे और एक वर्ष के लिए कुछ भी नया ना खरीदने का संकल्प कर रहे थे। में मंत्रमुग्ध हो गई और मैंने भी सस्टेनबिलिटी के लिए अपनी रुचि
और अपने आग्रह को प्रदर्शित करने के लिए कुछ बदलाव लाने का प्रयास किया। मैंने चाहा कि मेरी दैनिक कार्य मेरे मूल्यों को प्रतिबिंबित करे। इस प्रकार मैंने अपनी यात्रा प्रारम्भ की।
आप शून्य अपशिष्ट जीवन के लिए कौन सी आधारभूत बातें कहना चाहेंगी?
सर्वप्रथम हम मनुष्यों द्वारा किए गए हर कार्य से किसी नए किसी प्रकार का कचरा पैदा होता ही है। यही
कारण है कि मैं शून्य अपशिष्ट के लक्ष्य तक पहुंचने में विश्वास रखती हूं परन्तु अल्प अपशिष्ट एक अधिक व्यावहारिक लक्ष्य है। मैं कुछ आधारभूत बिन्दुओं के विषय में कहना चाहूंगी जिनसे आप अपने वर्तमान जीवन शैली और उससे पैदा होने वाले कचरे की श्रेणी की पहचान, और जितना संभव हो कचरे को कम करने की चेष्टा कर सकते हैं। यह एक धीमा परिवर्तन है जिसे एक विशेष घर या परिवार की व्यवस्था को बदलते समय दिमाग में रखा जाना चाहिए।
प्रारम्भिक दौर में आपने किन चुनौतियों का सामना किया? क्या आपको किसी बिन्दु पर हार का सामना करना पड़ा?
जिस मुख्य चुनौती का मैंने सामना किया वह यह थी कि सस्टेनबल विनिमय और विकल्पों के विषय में
अधिकतर जानकारी जिसे मैंने ऑनलाइन खोजा, पश्चिम से प्रेरित थी। भारत के सन्दर्भ में समुचित
साधनों के विषय में जानकारी प्राप्त करने में मुझे कुछ समय लगा। कुछ बातों पर मुझे निश्चित रूप से हार
महसूस हुई और पिछले तीन वर्षों की अवधि में ऐसे कई दिन रहे जब मैं लड़खड़ा गई और मैंने कचरा
उत्पन्न कर दिया। मैं अपनी 20 साल से बनी हुई आदतों को बदल रही हूं इसलिए ये कठिनाई तो
स्वाभाविक है परन्तु यही कारण है कि हम इसे जीवन शैली का परिवर्तन कहेंगे। इसमें समय और निरन्तर
प्रयास की आवश्यकता है।
हम यह सुनिश्चित कैसे करेंगे कि हमारे आस पास के सभी लोग सस्टेनबल विकल्पों को चुनने के लिए ज़िम्मेदार हैं?
मेरे विचार से हम दूसरों को सस्टेनबल विकल्प पसन्द करने के लिए बाध्य नहीं कर सकते। आप उनके
समक्ष उदाहरण प्रस्तुत्वकार सकते हैं, और कुछ ऐसे परिवर्तन ला सकते हैं जिनके विषय में आप दूसरे
लोगों से बातचीत कर सकें। कचरा प्रबन्ध, सस्टेनबिलिटी और जलवायु परिवर्तन आदि को मुख्यधारा में लाएं और स्वयं को तथा दूसरों को शिक्षित करें जिसके फलस्वरूप आपके आस पास के लोग उन आदतों को अपनाना प्रारम्भ करेंगे। यदि आप अपने घर के निर्णयकर्ता हैं और अपने रसोईघर का प्रबंधन करते हैं तो आप कुछ ऐसे उत्पादों को नियंत्रित कर सकते हैं जो आपके घर आते हों और इस प्रकार आप अपने घर के शेष लोगों पर भी प्रभाव डाल सकते हैं। यदि आप निर्णयकर्ता नहीं हैं तो आप उनकी सहायता कर सकते हैं जो अपने चुनावों के भविष्य में होने वाले प्रभावों के विषय में सोचने वाले हैं।
क्या आप उन लोगों के लिए कुछ सरल युक्तियां सूझा सकती हैं जो कचरे को न्यूनतम करना चाहते हैं परन्तु इसे पूरी तरह कार्यान्वित नहीं कर पाते?
- छोटे से शुरुआत करें-- जीवन शैली में कोई भी परिवर्तन हो, इसे धीरे धीरे लाना चाहिए। शुरुआत करने के लिए सबसे अधिक सरल स्थान है आपका बाथरूम। आप अपने प्रतिदिन के विभिन्न व्यक्तिगत प्रयोग के उत्पादों को देखें और उन्हें अधिकाधिक पर्यावरण हितैषी विकल्पों में बदलना शुरू करें।
- जब भी सम्भव हो कुछ वस्तुओं के लिए मना करें। किराने की खरीदारी करते समय अपना बैग लेकर जाएं और एकल प्रयोग वाले प्लास्टिक बैगों की उपेक्षा करें।
- पुनः प्रयोग होने वाली पानी की बोतल ही खरीदें।
- पैकेजिंग रहित विकल्पों को ढूंढने के प्रयास करें। उदाहरणार्थ आप पैकेजिंग युक्त आता खरीदने की बजाए अपना आता एक स्थानीय आता चक्की से खरीदें। अपने आस पड़ोस में घूम कर एक स्थानीय और छोटे किराना स्टोर ढूंढें।
- अपने मित्रों और परिवार जनों से अपने द्वारा लाए जाने वाले परिवर्तन के विषय में बातचीत करें। सम्भव है कि वे आपको कचरा काम करने के सम्बन्ध में कुछ रचनात्मक युक्तियां बता सकेंगे। अतः इसे संवाद का विषय बनाएं।
आपने 'ज़ीरो वेस्ट मुंबई मीट-अप' कब और कहां प्रारम्भ किया? और इन कार्यक्रमों में क्या किया जाता है?
इस यात्रा को प्रारम्भ करते समय मैं एक अकेलापन महसूस कर रही थी। अतः मार्च 2018 में मैंने फेसबुक
और इंस्टाग्राम पर एक मिट अप का सुझाव रखने का निर्णय लिया। मेरे पास कोई घोषणापत्र नहीं था। मैं
केवल समान विचारों वाले लोगों से मिलना चाहती थी। मैंने बांद्रा वेस्ट के पार्क में इस मीटअप का मेज़बान
बनने का निर्णय किया और मन में सोचा कि यदि कोई ना मिला तो मैं सिर्फ़ पार्क में बैठ जाऊंगी और कुछ
देर अध्ययन कर लूंगी। मैं आश्चर्यचकित थी कि वहां 10 लोग आकार मिले और यहबसमूह अभिन्न मित्रों
में परिवर्तित हो गया। इस घटना को दो वर्ष हो गए हैं और अब इस समूह में 90 लोग हैं।
इस महामारी से पहले हम महीने में एक बार मिलने का प्रयास करते थे। हम चर्चा करते थे कि किस प्रकार घरों से उत्पन्न होने वाले कचरे को कम किया जाए। अपनी चुनौतियों और छोटी बड़ी उपलब्धियों के विषय में भी बात करते थे अथवा हम सस्टेनबल मासिक धर्म या पटसन के प्रयोग जैसे विषयों पर चर्चा करने के लिए विशेषज्ञों को बुलाते थे। हमारे चर्चा के विषयों की सूची बहुत व्यापक है परन्तु हमारा अंतिम लक्ष्य इस जीवन शैली को अपनाने के लिए लोगों की मदद करना है क्योंकि हमारा विश्वास है कि अल्प अपशिष्ट जीवन शैली एक सामान्य नियम होना चाहिए ना कि एक अपवाद।
वे कौन सी अनिवार्य वस्तुएं हैं जिन्हें आप है वक्त सजग रूप से अपने साथ रखती हैं?
- कपड़े की एक नैपकिन या रुमाल
- कोई खाद्य पदार्थ या किराने की कोई सामग्री लेने के लिए एक खाली डिब्बा
- मेरी लगभग 10 वर्ष पुरानी पुनः प्रयोग होने वाली पानी की बोतल
- किराना सामग्री लाने के लिए एक कपड़े का या पुनर्प्रयोग होने वाला थैला
- पुनर्नविकरणीय पत्थर से बने पेपर की एक नोटबुक (मैंने लगभग एक वर्ष से कोई नई नोटबुक नहीं खरीदी है)
What is the first, easy change one can make when one starts on the zero waste life?
- सबसे पहला कदम है कचरे का लेखा जोखा रखना। आपके घर में दैनिक, साप्ताहिक और मासिक आधार पर उत्पन्न होने वाले कचरे का हिसाब रखें और उस कचरे की छंटाई करें। अपने गीले कचरे की खाद बनाना शुरू कर दें। आप देखेंगे कि जब आप खाद बनाना प्रारम्भ करते हैं तो आप कुल कचरे को 50 प्रतिशत तक घटा देते हैं। जब बात सूखे कचरे की हो तो पुनर्चक्रिय और लैंडफ़िल में भेजे जाने वाले कचरे की पहचान करें।
- -जब एक बार आप अपने जीवन में कचरे के विभिन्न स्रोतों को पहचान लेते हैं तब यह सोचना प्रारम्भ करें कि आप उससे कैसे बच सकते हैं। उदाहरणार्थ यदि आप अपने फल और सब्ज़ियों को ऑनलाइन ऑर्डर से मंगाते हैं तथा वे प्लास्टिक क्रीम पैक होकर आते हैं तो आप उन्हें अपने स्थानीय विक्रेताओं से खरीदना प्रारम्भ करें। महंगे 'प्राकृतिक' त्वचा की देखभाल सम्बन्धी उत्पादों को खरीदने की अपेक्षा आप इन उत्पादों को घर पर बना सकते हैं। उसके लिए इंटरनेट से जानकारी प्राप्त करें। यह सूचना और सुझावों की स्वर्ण खदान है कि आप किस प्रकार विवेकपूर्ण चुनाव और युक्तियां खोज सकते हैं।
- अपनी इस यात्रा में अपने परिवार को शामिल करें। अपने घर के बच्चों को छोटी उम्र से ही इस कार्य से जोड़ें।
Is there a documentary or book you would recommend to our readers?
डॉक्यूमेंट्रीज़
- द ट्रू कॉस्ट (The True Cost)
- ए प्लास्टिक ओशन ( A Plastic Ocean)
- काऊस्पीरसी (Cowspiracy: The Sustainability Secret)
- मिनेमेलिज़्म (Minimalism: A Documentary About the Important Things)
पुस्तकें
कॉन्शस् कैपिटलिज़्म (Conscious Capitalism: Liberating the Heroic Spirit of
Business)
Image Courtesy: Mehndi Shivdasani
Suchitra is an independent journalist working on social justice with a specific focus on gender justice. Reading, smashing gender norms and stationery gets her very excited!