क्या बांस सचमुच सस्टेनेबल है?
- ऐसे समय में जब इस टिकाऊ पौधे को एक श्रेष्ठ संसाधन और सस्टेनेबल होने के कारण बेशकीमती माना जा रहा है तब हमारा रुक कर यह प्रश्न करना उचित होगा कि कहीं यह पर्यावरण के प्रति मिथ्या हितचिंता का रूप तो नहीं है।
Shraddha Uchil is the consulting features editor at Ethico. After…
बांस। बेशक यह एक तुच्छ घास है परन्तु एशिया महाद्वीप का वह अविभाज्य अंग है कि इसने अपने लाभकारी मूल्यों के माध्यम से असंख्य रूपों में इस महाद्वीप की संस्कृति को सराबोर कर रखा है।यह खाने की मेज़ पर - इसके लघु तनों को पकाकर या खमीरीकृत करके खाया जाता है - एवं चीनी औषधियों के भण्डार में पाया जाता है। इसकी हरी पत्तियों को पशुओं को चारे के रूप में खिलाया जाता है अथवा इसके ऊंचे और लचीले तनों को निर्माण कार्य में एक समुचित मचान सामग्री के रूप में प्रयोग किया जाता है। कवियों और लेखकों ने इसकी प्रशंसा में गीत गाए हैं और कलाकारों ने इस सौन्दर्यपूर्ण घास को चित्रित करने के लिए व्यापक चित्रकला का सृजन किया है।
विगत वर्षों में प्लास्टिक और सूत की अपेक्षा इसे विकल्प के रूप में अपनाने का आग्रह करने वाले ब्रांड के माध्यम से बांस मात्र एक बहु-उपयोगी सामग्री से बढ़कर सस्टेनेबिलिटी का एक प्रत्यक्ष रूप बन गया है। बांस से निर्मित बर्तनों और टूथब्रशों से लेकर कपड़ों और बांस के फ़र्श तक, आज पांडा का यह मनपसंद भोजन आपके घरों के है हिस्से में अधिकाधिक रूप से प्रयोग किया जा रहा है।
सैद्धांतिक यह बात अधिक जटिल नहीं है। वास्तव में बांस बहुत तेज़ी से उगता है।उसके लिए रसायनिक खादों तथा कीटनाशकों की आवश्यकता नहीं होती और ये प्राकृतिक रूप से पुनः यूजी आता है। इसलिए एक बार इसका रोपण करने के बाद इसे दोबारा रोपने की आवश्यकता नहीं होती। इसका एक अतिरिक्त लाभ यह है कि यह समरूपी पौधों की अपेक्षा 35 प्रतिशत अधिक ऑक्सीजन उत्पन्न करता है। और जब आप इसकी तुलना सूत की खेती से करते हैं, जिसके लिए बड़ी मात्रा में कीटनाशक और कर्मियों की आवश्यकता होती है, वहीं बांस के लिए बहुत कम कम या ना के बराबर आवश्यकता होती है।
अतः निष्कर्ष क्या निकलता है? इससे पहले कि आप बांस निर्मित उत्पादों का ढेर लगा लें, उससे पहले कुछ बातों को समझना उचित है। यद्यपि बांस को सस्टेनेबल तरीके से उगाया जा सकता है, उसका अर्थ यह नहीं है कि सदैव ऐसा होता है। बांस की अधिकांश मात्रा चीन में उगाई जाती है। वह जिसके विषय में स्पष्ट नहीं है कि बांस उत्पादन के लिए उनके पास कितनी भूमि खाली है अथवा कितनी तीव्रता से वे इसकी फ़सल को उगाते हैं। इसके साथ यद्यपि इस फ़सल को उगाते के लिए कीटनाशकों की आवश्यकता नहीं होती तथापि यह जानने का कोई स्त्रोत नहीं है कि इसका उत्पादन बढ़ाने के लिए कीटनाशकों और उपयोग हो रहा है अथवा नहीं।
अब यह कहा जा सकता है कि जिन बांस के उत्पादों को आप प्रयोग कर रहे हैं इन्हें नैतिक रूप से प्राप्त किया गया है - आपने यह सुनिश्चित कर लिया है कि यह कहां से आया है और किस प्रकार से उगाया गया है। यहां तक सब ठीक है। परन्तु इसके आगे की समस्या तब पैदा होती है जब बांस को एक पौधे से एक उपयोगी वस्त्र के रूप में परिवर्तित करने की बात आती है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि बांस को एक सुविधाजनक वस्त्र में परिवर्तित करने के लिए बांस के भीतर उपस्थित सैल्युलोस को दो विषैले रसायनों - सोडियम हाइड्रोक्साइड और कार्बन डाइसल्फ़ाइड की सहायता से एक लुगदी में परिवर्तित किया जाता है। इसके परिणाम स्वरूप बने लचीले पदार्थ को धागोज में परिवर्तित करने हेतु रसायन में धोकर एक मशीन के भीतर से गुज़ारा जाता है। एक बार पक्षालित होने के बाद आपको एक मुलायम झीमा वस्त्र प्राप्त होता है जिसका उपयोग पोशाकें और चादरें बनाने के लिए किया जाता है। दुर्भाग्य से इस प्रक्रिया के अंत में जो आपको प्राप्त होता है उसे हम बांस नहीं कह सकते। वह केवल नकली रेशमका एक रूप होता है। इस लचीले पदार्थनिर्माण की उपर्युक्त पद्धति से भिन्न 'लायोसैल प्रक्रिया' में काम विषैले रसायनों का प्रयोग होता है परन्तु कहीं ना कहीं कम मात्रा में होते हुए भी पर्यावरण के लिए विनाशकारी है।.
सका यह अर्थ नहीं है कि बांस से बने सभी प्रकार के वस्त्र गैर सस्टेनेबल तरीके से उत्पादित किए जाते हैं। कुछ काम हानिकारक पद्धतियां भी हैं जिसके अन्तर्गत मशीनी रूप से बांस के धागों को बाहर खींचा जाता है तत्पश्चात उससे एक वस्त्र बुना जाता है को 'बांस लिनेन' कहलाता है। इस तकनीक केईं काम पानी, ऊर्जा और रसायनों का प्रयोग होता है परन्तु अधिकांश कम्पनियां इस प्रक्रिया को इसकी लागत और मजदूरों की संख्या के कारण रद्द कर देती हैं। अंतिम रूप से उत्पादित वस्त्र उतना कोमल और मुलायम नहीं होता जितना आप पिछली पद्धति को अपना कर प्राप्त कर सकते हैं।
अतः अगली बार जब भी आप खरीदारी के लिए बाहर जाएं, टी-शर्ट्स के ऊपर लगे 'बांस द्वारा निर्मित' लेबल के विषय में किंचित सतर्क रहें। संभवतया पर्यावरण हितैषी विकल्प चुनने के स्थान पर आप मिथ्या हितचिंता का शिकार बन सकते हैं।.
छले जाने से कैसे बचा जाए?
- बांस का कच्चे और अपरिवर्तित रूप में प्रयोग करें। इसके अन्तर्गत बांस से बने बर्तन, टूथब्रश, फ़र्नीचर और फ़र्श किया सामग्री शामिल हैं।
- जब भी सम्भव हो तो एफ़.एस.सी. द्वारा प्रमाणित बांस का विकल्प ढूंढें। काम से कम यह पता लगाने का प्रयास करें कि आपके द्वारा प्रयुक्त बांस जंगलों या वन्य प्राणियों को हानि पहुंचा कर प्राप्त तो नहीं किया गया है।
- जब बात सस्टेनेबल वस्त्रों का चुनाव करने की हो तो पुनर्नवीकरण और प्रमाणित जैविक सूत और जूट को बांस के स्थान पर चुनें।
- ऐसी कंपनियों की खोज करें जिनकी निर्माण प्रक्रिया 100 प्रतिशत पारदर्शी हो और तब अपना निर्णय लें।
- यदि आप बांस से बने वस्त्र खरीद रहे हैं तो बांस निर्मित नकली रेशम की अपेक्षा लिनेन का चुनाव करें जिसका उत्पादन अधिक सस्टेनेबल तरीके से होता है।
श्रद्धा उचिल एथिको में कंसल्टिंग फ़ीचर्स एडिटर के रूप में काम करती हैं। लगभग एक दशक तक बड़े प्रकाशनों के लिए खान-पान, व्यंजन और संस्कृति पर लिखने के बाद, श्रद्धा अब माँ का नया किरदार निभा रहीं है। अब वह सोचतीं है कि वह इस पृथ्वी को आने वाली पीढ़ियों के लिए कैसे बचा सकतीं हैं।