जल ही समस्या है
- अपनी आज़ादी श्रृंखला को जारी रखते हुए : व्यक्तिगत और घरेलू देखभाल के जल आधारित उत्पादों से मुक्ति धरती को और अधिक हरीतिमा युक्त स्थान बनाने में मदद कर सकती है।
Siddhant brews his own kombucha, tries to grow his own…
इसे आज़माइए : अपने प्रसाधनकक्ष में जाइए और व्यक्तिगत या घरेलू देखभाल के उत्पाद की (शैम्पू, फेसवॉश, माउथवॉश, फ्लोर क्लीनर और टॉयलेट क्लीनर) कोई बोतल उठाइए और उसपर लिखी सामग्री की सूची देखिए। इन सभी में एक समान सामग्री कौन सी है?
यह जल है।
एक बोतल क्लीनर में सामान्य रूप से 90 प्रतिशत पानी और केवल 10 प्रतिशत वास्तविक स्वच्छकर रसायन होते हैं। शैम्पू की एक बोतल में लगभग 80 प्रतिशत पानीऔर एक सामान्य क्रीम में 60-65 प्रतिशत तक पानी होता है।और यह कोई विशिष्ट प्रकार का जल नहीं है। यह आपके नल में नियमित रूप से आने वाला सामान्य पानी है। इसका यह तात्पर्य हुआ कि इन उत्पादों का लगभग 90 प्रतिशत कार्बन प्रभाव जिसमें उनका निर्माण, पैकेजिंग, और शिपिंग शामिल हैं, वह आपके घर में बहुलता से मिलने वाली एक वास्तु से सम्बन्धित है।
तरल आधारित प्रसाधन उत्पादों से जुड़ी पर्यावरणीय समस्या और अधिक बढ़ जाती हैं जब हम उनकी उपयोग पद्धति पर विचार करते हैं। अध्ययन दर्शाते हैं कि उपभोक्ता प्रति धुलाई के आधार पर साबुन की टिक्की की अपेक्षा छह गुना अधिक तरल साबुन का प्रयोग करते हैं। यह उपभोक्ता द्वारा साबुन की मात्रा और सफाई के स्तर के बीच सम्बन्ध पर निर्भर करता है या बोतल और ट्यूब के निर्माताओं द्वारा उस आकार के कारण भी सम्भव है जिससे एक बार में अधिक मात्रा में साबुन निकलता है ताकि उपभोक्ताओं को अधिक से अधिक बार बुलाया जा सके।
क्या हो यदि इन उत्पादों से जल की अधिकतम मात्रा को हटा दिया जाए? इससे इन उत्पादों का परिणाम काम हो जाएगा, तदानुसार उतनी ही मात्रा की वस्तुएं लाने ले जाने के लिए काम संख्या में ट्रकों और जहाज़ों तथा हवाईजहाज़ों की आवश्यकता होगी। इससे उनका भार पर्याप्त मात्रा में कम हो जाएगा तथा उनकी शिपिंग से जुडे़ इंधन और कार्बन उत्सर्जन की मात्रा भी कम हो जाएगी। उनकी पैकेजिंग के लिए आवश्यक प्लास्टिक की मात्रा मीक भी कमी आएगी और यदि यह उत्पाद अंतिम रूप से पूरी तरह निर्जलित है तो प्लास्टिक का प्रयोग पूर्ण रूप से समाप्त हो जाता है। 'ऐलन मैकार्थर फ़ाउंडेशन' के अनुसार एकल उपयोग पैकेजिंग को पुनर्प्रयोज्य विकल्पों से बदलने से वैश्विक स्तर पर प्लास्टिक पैकेजिंग से उत्पन्न कबाड़ को कम से कम 20 प्रतिशत तक समाप्त किया का सकता है।
विश्व के महासागरों में घूर्णन करते और लैंडफिल्स में ढेर बनते हुए प्लास्टिक के कबाड़ की ख़ौफनाक मात्रा पर विचार करने पर और उसी के साथ वायुमंडल में ख़तरनाक रूप से बढ़ते ग्रीनहाउस गैसों के संकेंद्रण को देखते हुए निर्जलीकरण का उपयुक्त समय है।
निर्जलीकृत उत्पादों को खरीदना और उपयोग के लिए उन्हें पुनर्जलीकृत करना -- कोई नवीन अवधारणा नहीं है। चाय और कॉफ़ी के साथ यह हम शताब्दियों से करते आ रहे हैं। विश्व भर में छोटी बड़ी कंपनियों ने इस बात को समझकर अपने उत्पादों से पानी की मात्रा को घटाना या समाप्त करना प्रारम्भ कर दिया है। जुलाई 2019 में 'यूनिलीवर' नामक कंपनी ने यू.के. में अपनी 'सीआईएफ' और 'शाइन' स्वच्छता ब्रांड के लिए रिफ़िल पैक्स का शुभारम्भ किया। इन रिफ़िल पैक्स में दस गुना अधिक संकेंद्रित मिश्रण भरा गया जो एक स्प्रे बोतल मीक डाला जा सकता है जो उपभोक्ता केवल एक बार खरीद कर लंबे समय तक प्रयोग कर सकता है। ये रिफ़िल पैक्स 75 प्रतिशत कम प्लास्टिक द्वारा बनाए गए हैं और परिणामतः समान मात्रा में सामग्री के लिए 97 प्रतिशत कम पानी का वहन किया गया और इन्हें पहुंचाने के लिए 87 प्रतिशत कम मात्रा में ट्रकों की आवश्यकता पड़ी।
यू.एस. में 'ह्यूमनकाइंड' कंपनी एक ऐसी 'माउथ वॉश' टैबलेट हुंचाती है जो एक अम्लनाशक की तरह पानी के एक ग्लास में घुल जाती है और प्रसिद्ध डॉक्टर ब्रॉनर्स एक ऐसी साबुन की टिकिया बेचते हैं जिसे नहाने, शैम्पू करने, शेव करने, सफ़ाई और दांत साफ़ करने में प्रयोग किया जा सकता है (यह प्रयोग मान्य रूप से कुछ विचित्र है)। भारत में 'एथिको' द्वारा 'नितारा' का शैम्पूऔर कंडीशनर और 'मिट्टी से' का ऑर्गेनिक डिटर्जेंट पाउडर और ऑर्गेनिक बर्तनों की धुलाई का पाउडर प्रस्तावित किया गया है।
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सिद्धान्त अपनी स्वयं की 'कोम्बुचा' बनाते हैं, और प्रयास करते हैं अपनी स्वयं की सब्ज़ियां उगाने की, साइकिल से यात्रा करने की, प्लेड शर्ट पहनने की और 'द बीटल्स' का संगीत सुनने की, परन्तु दृढ़ता से कहते हैं कि वे हिप्पी नहीं हैं।