पालतुओं के पर्यावरणीय सतर्क अभिभावक बनने के 5 तरीके
- हम अपने पालतुओं से प्रेम करते हैं, परन्तु हम इस तथ्य की उपेक्षा नहीं कर सकते कि इनकी देखभाल के लिए हमारे द्वारा अपनाए गए तरीकों का एक बड़ा प्रभाव पर्यावरण पर पड़ता है। प्रस्तुत हैं कुछ उपाय जिनके माध्यम से आप अपने पालतू को एक श्रेष्ठ जीवन देने के साथ साथ अपने ग्रह की देखभाल भी कर सकते हैं।
Shraddha Uchil is the consulting features editor at Ethico. After…
वर्तमान संसार में एक अभिभावक बनने का अर्थ अपने बालक को श्रेष्ठ उपकरणों से युक्त करना और संसाधनों तक पहुंचाना ही नहीं है अपितु उनके लिए एक निवास योग्य ग्रह छोड़कर जाना भी है। एक नए अभिभावक के रूप में हम अपने बच्चों को सस्टेनबिलिटी का ध्यान रखते हुए बड़ा करने का एक सावधान प्रयास करते हैं (यदि आप ऐसे कुछ उपाय ढूंढ रहे हैं तो हमने आपके लिए यहां कुछ उपयोगी उपायों की सूची प्रस्तुत की है)। तथापि जब भी हम कोई पालतू जानवर घर लाते हैं सस्टेनबिलिटी का विचार प्रायः हमारे मस्तिष्क से बहुत दूर होता है।
इसकी उपेक्षा करना और ऐसा सोचना बहुत सरल है कि, "परन्तु यह केवल एक पशु है, केवल इसके द्वारा पर्यावरण को प्रभावित करना क्या सम्भव है?" तब ज्ञात होता है कि उनकी देखभाल से लेकर उनके आहार तक प्रत्येक छोटी वस्तु का महत्व है। सन् 2017 में 'यू.सी.एल.ए' के एक अध्ययन में पाया गया कि पालतुओं के खाद्य के रूप में निर्मित केवल मीट को कुत्तों और बिल्लियों द्वारा उपभोग की जाती है, प्रति वर्ष 64 मिलियन टन के बराबर कार्बन डाइऑक्साइड को पैदा करती है, जिसका जलवायु पर वार्षिक प्रभाव 13.6 मिलियन कारों के चलने के बराबर है।
फिर भी अपने ग्रह से प्रेम करते हुए पालतुओं के साथ प्रेम करने के तरीके मौजूद हैं। प्रस्तुत है कुछ ऐसे परिवर्तन जिन्हें हम पालतुओं के स्वामी के रूप में बड़ी मात्रा में कार्बन पदचिह्न छोड़े बिना अपना सकते हैं।
1. क्या आप एक पालतू को घर लाने के विचार कर रहे हैं? तो खरीदिए मत, उसे गोद लीजिए !
आइए एक अलग रास्ता अपनाएं, क्या यह संभव है? भारत में पालतू प्रजनन उद्योग बड़ी मात्रा में अवैधानिक उद्योग है और बहुत से प्रजनक अनैतिक और प्रायः निम्न श्रेणी के कुत्सित तरीकों वंशावली युक्ति पालतू पशु लोगों को उपलब्ध कराते हैं। एक आश्रय स्थल से उन्हें दत्तक ग्रहण करके आप एक और छोड़ दिए गए और घायल पशु के लिए स्थान बना रहे हैं। और एक भटकते हुए पशुंको लेकर (उर्फ़ देसी कुत्ते और बिल्लियां) आप सड़क के एक अनिश्चित जीवन से उसकी रक्षा करते हैं। ऐसे पशुओं को ढूंढने के लिए जिन्हें घर की आवश्यकता है दत्तक ग्रहण कैंपों अथवा अपने स्थानीय बचाव आश्रय स्थलों को फ़ोन कीजिए।
2. अपने पालतुओं को डिब्बा बंद खाद्य की अपेक्षा ताज़ा भोजन दीजिए
अधिकांशतः पालतुओं के अभिभावक अपने कुत्ते और बिल्लियों के लिए 'किबल' जैसा संसाधित भोजन का विकल्प अपनाते हैं। यह ना केवल पशुओं के लिए एक अस्वास्थ्यकर भोजन सिद्ध हुआ है अपितु यह लगभग हमेशा प्लास्टिक में बंद होकर आता है। यदि आपके पास समय है तो अपने पालतुओं की पोषण सम्बन्धी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए आप उनके लिए घर में पकाए हुए भोजन का श्रेष्ठ विकल्प चुनिए। (यदि आप इसे तैयार करने के विषय में स्पष्ट नहीं हैं तो अपने पशु चिकित्सक से बात कीजिए।) यू.एस. में स्थापित 'नेशनल रिसोर्सेज़ डिफेंस काउंसिल' (एन.आर.डी.सी.) आपको ऐसे भोजन के विषय में सलाह देती है जिसमें मानव उपयोगी मांस की अपेक्षा पशुओं की हड्डियों अथवा अंगों के मांस जैसे उप-उत्पाद भी शामिल हैं। साथ ही बड़ी मात्रा में कार्बन पदचिह्न भी शामिल हैं।. यदि आपको यह एक बड़ा कदम प्रतीत होता है तो आप प्लास्टिक के खाद्य पैकेट्स को हटा कर डिब्बा बन्द खाद्यों के द्वारा पर्यावरण के लिए छोटे कदम उठा सकते हैं क्योंकि यह धातु के डिब्बे प्रयोग के बाद पुनर्नवीकरण किए जा सकते हैं। बिल्लियों का एक भिन्न आहार परिवर्तन करते समय सावधान रहें और ध्यान रखें कि उन्हें नए खाद्यों पर धीमी गति से लाया जाए।
3. उनकी देखरेख का तरीका बदलिए
आजकल कैट लिटर के रूप में सोडियम बैन्टोनाइट से बने उत्पाद सर्वाधिक प्रचलन में हैं। ये इसलिए भी प्रसिद्ध है क्योंकि सरलता से इकठ्ठा कर लेता है। परन्तु इस प्रकार की मिट्टी ना केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है क्योंकि इसके लिए भूमि का खनन किया जाता है बल्कि इसे बैग में भर कर अपने घर के कूड़े के साथ लैंडफ़िल में पहुंचाना ही एक सबसे सरल तरीका है। अब आप पूछेंगे कि आपकी बिल्लियां यह कार्य किस प्रकार करें। यहां अनेक विकल्प विद्यमान हैं जैसे रेत, अख़बार के थक्के, लकड़ी का बुरादा (जिन्हें आप आस पड़ोस के बढ़ई से प्राप्त कर सकते हैं)। परन्तु यदि आपको ये विकल्प अपनाने कठिन लगते हैं कि ये सही रूप में इकठ्ठा नहीं करते और इनका दुर्गंध नियंत्रण भी क्ले लिटर की अपेक्षा उचित नहीं है तब आप जैवनिमनिकृत (बायोडिग्रेडेबल) लिटरका उपयोग कर सकते हैं। आजकल इन्हें कई ब्रांड बना रहे हैं और आप उन्हें सरलता से गूगल पर खोज सकते हैं।
4. देखरेख की गैर विषैली और कीत सुरक्षा की कम हानिकारक पद्धति अपनाएं
मक्खियों और चीचड़ियों से बचाव के पारंपरिक उत्पाद जैसे कॉलर, छिड़काव और डस्टिंग पाउडर रसायनों से भरे हुए होते हैं को पशुओं के स्वास्थ्य के साथ साथ पर्यावरण के लिए भी हानिकारक हो सकते हैं। इन उत्पादों से पूरी तरह दूर रहने के लिए यह सुनिश्चित करें कि आप अपने पालतू की नियमित रूप से देखरेख करते हों और उनके बिस्तर को नियमित रूप से धोते हों। यदि इसके लिए आपको किसी औषधीय चिकित्सा की आवश्यकता पड़े तो एन.आर.डी.सी उन उत्पादों से बचने का सुझाव देती है जिसमें ( इमीडैक्लोप्रिड और डाइनोटेफ़्युरन जैसे) कृत्रिम कीटनाशक शामिल होते हैं और जो उनके अनुसार, "मधुमक्खियों के लिए हानिकारक हैं और छोटी उम्र के बच्चों के विकासशील मस्तिष्कों के लिए विषैले और हानिकारक हो सकते हैं।"
5. स्थानीय व्यापारों का संरक्षण कीजिए
जब आप अपने पालतू के लिए एक छोटा सुन्दर कॉलर, खिलौना या स्वादिष्ट व्यंजन मंगाते हैं, ध्यान रहे कि ये प्रायः उन फैक्ट्रियों में बड़ी मात्रा में उत्पादित होते हैं जिनका पर्यावरण पर एक नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसमें उत्पादों को नियत स्थानों तक पहुंचाने की लंबी दूरी की गणना शामिल नहीं है। एक छोटी सी ऑनलाइन खोज से आप उन स्थानीय व्यापारों के विषय में जान सकते हैं जो उसी तरह के उत्पादों को बना रहे हैं और वैश्विक स्तर पर उपलब्ध करवा रहे हैं। समान ही नहीं बल्कि कई बार उनसे भी अच्छे। यदि आप अपने शहर में उन्हें ना ढूंढ पाएं तो पूचमेट्स और डॉगी डब्बासब्रांड के विकल्प ढूंढिए जिनके उत्पाद सम्पूर्ण भारत में निर्मित किए व भेजे जाते हैं।
श्रद्धा उचिल एथिको में कंसल्टिंग फ़ीचर्स एडिटर के रूप में काम करती हैं। लगभग एक दशक तक बड़े प्रकाशनों के लिए खान-पान, व्यंजन और संस्कृति पर लिखने के बाद, श्रद्धा अब माँ का नया किरदार निभा रहीं है। अब वह सोचतीं है कि वह इस पृथ्वी को आने वाली पीढ़ियों के लिए कैसे बचा सकतीं हैं।