समझदार ग्राहक कैसे बनें
- माइंडफुल कंज़म्प्शन सचेत जीवनशैली का पहला कदम है। अभी से शुरू करें।
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1. लेबल को अच्छे से पढ़ें - ऑर्गनिक और उचित व्यापार
प्राकृतिक और बायोडिग्रेडेबल ऑर्गेनिक प्रोडक्ट में इन्वेस्ट करें। ऐसी चीज़ों से शुरू करना आसान है जिसके सस्टेनेबल विकल्प पहले से ही मार्किट में मिलते हों जैसे ऑर्गेनिक शैम्पू बार, बैम्बू टूथब्रश, सस्टेनेबल मेंस्ट्रुअल हाइजीन और क्लॉथ डायपर। ये रोज़ के काम में आने वाले प्रोडक्ट काम में लेने के बाद कोई निशान नहीं छोड़ेंगे।
ऑर्गेनिक फ़ूड को बिना कीटनाशक और केमिकल फ़र्टिलाइज़र के उगाया जाता है। पर्यावरण और आप - दोनों के लिए ये सुरक्षित हैं।
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Organic Laundry Detergent – Mitti Se
₹ 240.00 – ₹ 460.00
- 'ऑर्गेनिक' टर्म को बहुत सारी चीज़ों के लिए काम में लिया जाता है। इस बात का ध्यान रखें कि आप भरोसेमंद और जाँचे जाने वाले सोर्स से ही खरीदें जिसपर ऑर्गेनिक प्रमाणीकरण हो।
- एन.पी.ओ.पी. (नेशनल प्रोग्राम फॉर ऑर्गेनिक प्रोडक्शन) सर्टिफ़िकेट, पी.जी.एस. इंडिया ग्रीन सर्टिफ़िकेट और पी.जी.एस. ऑर्गेनिक सर्टिफ़िकेट, और जी.ओ.टी.एस. (ग्लोबल ऑर्गेनिक टेक्सटाइल स्टैण्डर्ड) जैसे सर्टिफ़िकेशन देखें।
फ़ेयर ट्रेड:
क्या आपको पता है आपने जो हाल ही में चॉकलेट बार खाई थी वो कहाँ बनी थी, किसने उसे बनाया और आपके खरीदने से उनको क्या फ़ायदा हुआ? फ़ेयर ट्रेड उत्पादकों और व्यापारियों, बिज़नेस और ग्राहकों के बीच पारदर्शी व्यापार की पार्टनरशिप का एक ग्लोबल मूवमेंट है। किसानों और मजदूरों का बेहतर ट्रेड टर्म्स के साथ समर्थन देने के सिवा, उनके भविष्य, पर्यावरण और समुदाय में इन्वेस्ट करने का एक मौका भी देता है। आसान शब्दों में कहें तो सबसे कम दाम के लिए किसानों, मजदूरों और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुँचता है।
ग्रीन टिप:
- ऐसे प्रोडक्ट खरीदें जिनपर फ़ेयर ट्रेड सर्टिफ़िकेशन हो। ये फ़ेयर और सस्टेनेबल मार्केटप्लेस से लेने का एक आसान और पावरफुल तरीका है।
2. अपसाइकिल, रिसाइकिल
एथिकल फ़ैशन की शुरुआत करने वाले ऑरसोला डि कास्त्रो ने कहा है, "सबसे सस्टेनेबल गारमेंट वह है जो पहले से ही आपके वार्डरॉब में है।" आप अपने क्लोसेट को पूरी तरह से काम में लें। अगर आप सोचते हैं कि कोई गारमेंट सच में बहुत पहन लिया गया है तो उसको डोनेट कर दें या उससे क्लॉथ बैग बना लें। अगर फ़र्नीचर घिस गया है या किचन की चीज़ें अब काम में नहीं आती हैं तो उनसे घर में काम आने वाले डी.आई.वाय. सामान बना कर फिर से काम में लें। याद रखें, एक समझदार ग्राहक हमेशा समझदारी दिखाता है लेकिन उसको हमेशा उपभोग करने की ज़रुरत नहीं है। एक समझदार ग्राहक बनने का सबसे ज़रूरी तरीका उपभोग नहीं करना है।
ग्रीन टिप:
- इंटरनेट पर बहुत से अपसाइकिल के तरीके हैं। आप अपने हिसाब से देखकर अपसाइकिल वाले दिन को आर्ट प्रोजेक्ट का दिन बना सकते हैं।
- आपके पास के सहकारी भण्डार स्टोर में टेट्रा पैक डोनेट कर दें जहां छोड़े गए सामान से क्लासरूम बेंच बनाने में मदद दी जाती है।
- छोटे ब्रांड्स ढूंढें जो कंटेनर को वापस करने का विकल्प रखते हैं - इस पर अक्सर डिस्काउंट भी मिलता है।
3. लोकल चीज़ें लेकर छोटे बिज़नेस का साथ दें
बुटीक, बेकरी से ले कर बुकस्टोर तक — आपके शहर की लोकल शान हमेशा नहीं बनी रहेगी अगर आप साथ न दें। बड़ी कंपनियां बड़े डिस्काउंट लाती होंगी (या कभी इतने बड़े भी नहीं) पर अक्सर ये छोटे बिज़नेस को नुकसान पहुंचाती हैं। और इकोनॉमी को भी कोई ख़ास मदद नहीं मिलती है।
लोकल खरीदने से कम-से-कम पैकेजिंग वेस्ट होता है और कम परिवहन भी जिससे आपका कार्बन फुटप्रिंट कम होता है। आप क्या और कैसे खरीदते हैं इस पर भी आपका नियंत्रण होता है। बोनस ये भी है कि आपको फ़ूड सप्लाई करने वाले लोगों से आपका अच्छा रिश्ता बन जाता है जिससे आप बहुत कुछ सीख सकते हैं।
ग्रीन टिप:
- आप अपने लोकल फ़ार्मर मार्किट को सपोर्ट करें। ताज़ी चीज़ें खरीदें चाहे उनका आकार सुन्दर न हो। थोड़ी मुड़ी हुई गाजर या खीरा अपने 'सुन्दर' भाई-बहनों की तरह ही होती हैं।
- जब आप लोकल बनिया से कोई भी सामान मंगवाएं, उन्हें कहें कि उसे कागज़ में लपेटा जाए और प्लास्टिक में नहीं। आप ये जानकार चौंक जायेंगे कि वे लोग कितनी आसानी से ऐसा कर देंगे। सहकारी भंडार जैसे वेंडर तो वैसे भी ब्राउन पेपर और डोरी की पैकेजिंग को अपना चुके हैं। उनकी माइंडफुल पहल का साथ दें।
4. पैकेजिंग पर ध्यान दें
ऑर्गेनिक खरीदने का कोई मतलब नहीं है अगर वो प्लास्टिक या कोई बर्बाद होने वाली पैकिंग में लिपटा हुआ आता है। सस्टेनेबल जीवन के मुख्य भाग को ही ये ख़त्म कर देता है।
ग्रीन टिप:
- अगर आप छोटे एंटरप्राइज़ से ऑनलाइन खरीद रहे हैं तो प्लास्टिक-फ़्री पैकिंग पर ज़ोर दें।
- अगर आपको दिख रहा है कि कोई ब्रांड प्लास्टिक-फ़्री पैकिंग नहीं अपना रहा है तो उसके सोशल मीडिया पेज पर अपना फ़ीडबैक दें ताकि वो इस बात पर ध्यान दे सके।
- आजकल खाना बहुत ऑर्डर किया जाता है। इसमें दो विकल्प हैं — या तो ऐसी जगह से आर्डर करें जहां पेपर और कार्डबोर्ड में पैकिंग होती है या पास के रेस्टोरेंट से आर्डर करें और अपने कंटेनर ले जाएँ।
5. खुद का सामान लाएँ
अपने बैग, बोतल, कप, कटलरी, स्ट्रॉ और कंटेनर सब लाएँ। अच्छी बात यह है कि इंडिया में शॉपिंग एक ज़ीरो-वेस्ट काम हो सकता है बिना किसी ख़ास ज़ीरो-वेस्ट स्टोर क ।
- ऑन-द-गो लिड वाले हीट रेसिस्टेंट कॉफ़ी कप में इन्वेस्ट करें ताकि आप बिना किसी ग्लानि के टेक-अवे कर सकें। आपके कप पर कोई ग़लत नाम भी नहीं लिख पायेगा!
- लोकल शॉपिंग के लिए एक विभाजन वाला कपड़े का बैग रखें ताकि सब्ज़ियाँ एक-दूसरे से मिलें नही । ये अलग-अलग प्लास्टिक में लपेटी हुई सब्ज़ियों का अच्छा विकल्प है।
- चीनी, दाल, मूंगफली आदि के लिए घर से जार ले कर जाएँ।
- आपको एक बार रियूज़ेबल कटलरी की आदत हो जाएगी तो आप चकित रह जायेंगे कि आप उसको कितनी बार काम में लेते हैं।
- खाली कंटेनर और बैग को कार में रखने की आदत बना लें ताकि कभी भी कुछ खरीदना हो तो परेशानी न हो।
6. ये जान लें कि सस्ते प्रोडक्ट हमेशा उचित नहीं होते
मोल-भाव के लिए मना करना मुश्किल है। इसीलिए सस्ते प्रोडक्ट हमेशा बिकते हैं। लेकिन समझ लें कि सस्ते प्रोडक्ट इसीलिए सस्ते हैं क्योंकि कोई न कोई उनका दाम भर रहा है। या तो सामान ऑर्गेनिक और एथिकल तरीके से सोर्स नहीं हुआ है जिससे उसका दाम कम हो जाता है या काम करने और कराने वालों को उचित वेतन नहीं मिल रहा है। खासकर फ़ैशन इंडस्ट्री लेबर का गलत फ़ायदा उठाने के लिए जानी जाती है।
ग्रीन टिप:
- अपना रिसर्च कर के रखें। ऐसे ब्रांड्स से खरीदें जो अपने प्रोडक्शन के तरीके के बारे में पारदर्शी हों और जहां तक संभव हो उनके पास ऑर्गेनिक एंड फ़ेयर ट्रेड सर्टिफ़िकेशन हो।
- मात्रा से पहले गुण को चुनें और साथ दें। इस तरह से आप हमेशा सस्टेनेबल खरीददारी करेंगे क्योंकि अच्छे प्रोडक्ट महंगे होते हैं। और चलते भी ज़्यादा लम्बे हैं।
हम आज की आसान जीवनशैली को भूल कर पर्यावरण के अनुकूल, नैतिक जीवन जीने का प्रयास कर रहे लोगों की टीम हैं, और इस प्रक्रिया में जो कुछ हम सीख रहे हैं वह हम अपने पाठकों से साथ बाँट रहे हैं।