म्यूज़िक थेरेपिस्ट करन को सुनें
- स्वास्थप्रद संगीत के अभ्यासक करन सजनानी के हिसाब से हीलिंग ध्वनियाँ पश्चिमी चिकित्सा का एक माइंडफुल, होलिस्टिक और शायद सबसे प्रभावी विकल्प हैं
Neha is a literature, classic rock and football enthusiast with…
"अगर आप इस ब्रह्माण्ड के राज़ जानना चाहते हैं तो ऊर्जा, आवृत्ति और स्पंदन के मायनों में सोचें।" साउंड थेरेपी की जड़ें निकोला टेस्ला के इन शब्दों में गूंजती हैं। यदि हम बिग बैंग की बात करें - एक ऐसा वाइब्रेशन जिसने ब्रह्माण्ड को जन्म दिया या 'प्रणवम' - मौलिक ध्वनि जैसी वैदिक धारणा का, यह स्पष्ट हो जाता है कि जैसे हम चीज़ों को आज जानते हैं, उनकी शुरुआत ध्वनि से ही हुई है। आधुनिक विज्ञान भी उसी बात को मानता है जिसे पौराणिक साधु संत मानते थे कि एक एटम के केंद्र के चारों तरफ़ घूमते इलेक्ट्रॉन से ले कर सितारों के चारों ओर घूमते ग्रहों और आकाशगंगाओं तक सब कुछ स्पंदन की अवस्था में है।
आधुनिक विज्ञान भी उसी बात को मानता है जिसे पौराणिक साधु संत मानते थे कि एक एटम के केंद्र के चारों तरफ़ घूमते इलेक्ट्रॉन से ले कर सितारों के चारों ओर घूमते ग्रहों और आकाशगंगाओं तक सब कुछ स्पंदन की अवस्था में है।
करन अब एक दशक से भी ज़्यादा साउंड थेरेपी का अभिव्यक्ता रह चुका है और संगीत से उसका परिचय गर्भ में ही हो गया था। उसकी माँ एक कुशल वीणा वादक हैं और पिता एक बैण्ड में गिटार बजाते थे जिसके कारण छः साल की उम्र में ही करन ने तबला बजाना सीख लिया था जिससे अलग-अलग संगीत वाद्ययंत्र सीखने की एक आजीवन प्रक्रिया शुरू हुई और अब तक करन ने वेस्टर्न क्लासिकल और जैज़ गिटार, डिडगेरीडू और हैंड-पैन के साथ-साथ और भी वाद्य बजाने में महारथ हासिल कर ली है। सोलो संगीत रिकॉर्ड करने के अलावा करन काफ़ी सारे रॉक बैंड का भी हिस्सा रह चुका है। "जबसे मैंने 15 साल की उम्र में अपना पहला गिटार उठाया (पहला वाद्य जो मैंने खुद चुना), तभी से मैं उसके तारों के तालमेल के बारे में समझ गया। मुझे बड़े स्टेज पर प्रदर्शन देते हुए ऐसे अनुभव हुए हैं जहाँ मैंने अपने दर्शकों के सामूहिक मन पर अपने गिटार के तारों का कम्पन महसूस हुआ - वास्तविक रूप से। बाद में, जब मैं अपने गुरु डॉ हरीश से मिला, तब ये अनुभव समझ में आये," करन ने बी.पी.एम. थेरेपी और प्रेवेंशिया ग्रुप के फाउंडर के बारे में बताया। करन इस ग्रुप में सतोरी नाम के साउंड थेरेपी विंग का नेतृत्व करता है। एक दशक पहले बना ये ग्रुप आयुर्वेद और दूसरी पौराणिक अभ्यासों पर आधारिक ध्वनि ऊर्जा के हीलिंग प्रयोगों पर रिसर्च करता है।
मुझे बड़े स्टेज पर प्रदर्शन देते हुए ऐसे अनुभव हुए हैं जहाँ मैंने अपने दर्शकों के सामूहिक मन पर अपने गिटार के तारों का कम्पन महसूस हुआ - वास्तविक रूप से
साउंड थेरेपी के प्रकट परिणाम
करन को साउंड थेरेपी के प्रकट परिणाम देखने का पहला अनुभव चेन्नई के एक एनिमल शेल्टर में हुआ। "इस शेल्टर में डॉग्स बहुत घबराये हुए आते थे — ये शारीरिक प्रतारणा, यातना और सड़क दुर्घटनाओं के शिकार होते थे। टीम ने उनको शारीरिक रूप से ठीक करने के लिए बहुत अच्छा काम किया लेकिन उनकी दिमागी हालत पर ज़ोर देना ज़रूरी था। जब डॉग्स का एक ग्रुप शांत होता, दूसरा परेशान होकर चिल्लाने लगता। कुछ क्षणों में ही पूरी जगह तेज़ आवाज़ से भर जाती और ये शोर घंटों तक चलता। हमने लगातार तीन दिनों तक उनके लिए एक शांतिदायक साउंडट्रैक बनाने के लिए काम किया और परिणाम आश्चर्यजनक थे। दूसरा उदाहरण एक डेरी फार्म का है जहाँ उन्होंने अपनी गायों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए हमें संपर्क किया। उचित ध्वनि के प्रयोग से गायों के दूध उत्पादन में अच्छी बढ़त हुई। इस प्रोजेक्ट में व्यावसायिक हित ज़रूर था लेकिन इसके लिए एक माइंडफुल तरीका अपनाया गया, कृत्रिम केमिकल का प्रयोग नहीं किया गया।
" उचित ध्वनि के प्रयोग से गायों के दूध उत्पादन में अच्छी बढ़त हुई।"
वेस्टर्न मेडिसिन से तुलना
करन ने समझाता कि एलोपैथी जैसा वेस्टर्न मेडिसिन सिस्टम केवल शारीरिक हिस्से पर ध्यान देता है जबकि वैदिक सिस्टम सम्पूर्ण ऊर्जा के नेटवर्क को काम में लेता है जिसको पंचकोश कहते हैं। साउंड थेरेपी हीलिंग को लेकर एक पूर्ण दृष्टिकोण है जो मानती है कि एक रूप या प्राण में असंतुलन दूसरी जगह प्रकट हो सकता है। वैदिक रूप से बताने के लिए करन कहता है, "ध्वनि से ज़्यादा सही नाद शब्द का प्रयोग है। वेस्टर्न साइंस में साउंड का मतलब प्रेशर वेव तक सीमित है। वैदिक रूप ज़्यादा व्यापक दृष्टिकोण अपनाता है जहां ध्वनि को चार भागों में बांटा गया है - परा, पश्यन्ति, मध्यमा और वैखारी। इनमें से वैखारी हमारी स्थूल इन्द्रियों के साथ काम करती है। बाकी तीन शरीर के अंदर बनती हैं और सुनाई देने योग्य ध्वनि को बनाती हैं। हम ध्वनि के चार प्रकारों को साइको-लिंगविस्टिक, न्यूरो-लिंगविस्टिक और फिजियोलॉजिकल प्रतिध्वनि को नियंत्रित करने के लिए काम में लेते हैं। हमारा साउंड एनर्जी मैनेजमेंट का सिस्टम हमारे शरीर के स्थूल और सक्षम स्तरों पर सीधे रूप से प्रभाव डाल सकता है।"
"हमारा साउंड एनर्जी मैनेजमेंट का सिस्टम हमारे शरीर के स्थूल और सक्षम स्तरों पर सीधे रूप से प्रभाव डाल सकता है।"
ऑटिज़म के लिए लाभकारी
ऑटिज़म एक ऐसा क्षेत्र है जहां साउंड थेरेपी का प्रभाव वेस्टर्न मेडिसिन से किस तरह बेहतर है ये साफ़ रूप से देखा जा सकता है। ऑटिज़म एक न्यूरो-डिवेलपमेंटल विकार है जिसका कारण आज तक एक राज़ ही है। क्योंकि इसके पीछे का कारण जाना हुआ नहीं है, इसके इलाज में सिर्फ़ इसके लक्षणों को सम्बोधित किया जाता है। "लेकिन अगर भारतीय पद्धति से देखा जाए तो इसके कारण काफी स्पष्ट हो जाते हैं। हमारी रिसर्च से पता चलता है कि जिन लोगों को ऑटिज़म होता है उनका एक सामान्य लक्षण होता है - उनके सूक्ष्म शरीर में एक असाधारण मात्रा में ऊर्जा केंद्रित होती है। ये बाहरी रूप में हाइपर/हाइपो संवेदनशीलता, आक्रामक अभिव्यक्ति और कभी-कभार मानवीय सीमाओं के परे एक असामान्य बौद्धिक कौशल में दिखती है। साउंड एनर्जी इस अत्यधिक ऊर्जा को रास्ता दिखाती है और विनियमित करती है। जिन संस्थाओं के साथ हमने काम किया उन्होंने बताया कि कुछ महीनों में ही वहाँ के बच्चों में ऐसा बदलाव था जो सामान्यतः कुछ सालों में दिखता है। सबसे ज़्यादा हमने आत्मउत्तेजक प्रवृतियों में फ़र्क, एकाग्रता में बढ़ाव और न्यूरो केमिस्ट्री में संतुलन देखा। ये हमारे लिए बहुत ख़ुशी की बात थी।"
" साउंड एनर्जी अत्यधिक ऊर्जा को रास्ता दिखाती है और विनियमित करती है"
करन जैसे ज्ञानी से बात ख़त्म करना मुश्किल है। ये बातें बताते हुए वो अपने गिटार के तारों को लगातार झंकार रहा है और अपनी बिल्ली को हर दो मिनट में दुलार रहा है। इसके बाद करन को एक रिकॉर्डिंग पर भी जाना है लेकिन किसी तरह की बेचैनी या जल्दबाज़ी का कोई लक्षण नहीं है। करन सच में संतुष्ट दिख रहा है। "मैं जानता हूँ कि ये एक ख़ास बात है कि किसी का काम वही है जिसके बारे में उसे सबसे ज़्यादा जज़्बा है। संगीत को मैं जीवन से अलग नहीं देखता। जीवन, लोग, घटनाओं और आस-पास की बातचीत को मैं एक सिम्फ़नी की तरह देखता हूँ। हमारा काम है अच्छे से सुनना और सही समय पर सही सुर बजाना, ठीक वैसे ही जैसे कोई अच्छा संगीतकार एक सामूहिक प्रस्तुति में बजायेगा," करन ने अपनी बातों का सारांश दिया।
नेहा साहित्य, क्लासिक रॉक और फुटबॉल पसंद करने वाली फ़ुल-टाइम मॉमी-ब्लॉगर है। ट्रेवल के शौक रखने वाली नेहा को आप अक्सर अपनी बेटी को पढ़कर सुनाते हुए या प्लास्टिक का सबसे अच्छा विकल्प खोजते हुए पा सकते हैं!
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