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ट्रीवेयर - हर दिन को ऑर्गेनिक बनाने का प्रयास

ट्रीवेयर - हर दिन को ऑर्गेनिक बनाने का प्रयास

Team Ethico
  • ट्रीवेयर रोज़मर्रा की चीज़ों के केमिकल-फ़्री विकल्प ऐसे ऑर्गेनिक तत्वों को इस्तेमाल करके बनाता है जो अक्सर खाने के लिए भी सुरक्षित होते हैं
पारदीवाला भाई मिशाल और मिकाइल जिज्ञासु किस्म के हैं। उनके काम करने की जगह एक तरह की लेबोरेट्री है जहां दोनों अक्सर हीटिंग प्लेट के पास बैठे नयी ऑर्गेनिक रेसिपी तैयार कर रहे होते हैं। हमें उन्होंने घर में बनाया हुआ लिप बाम सैंपल करवाया और बताया कि उनके घर के बरतन ऑर्गेनिक डिशवाशिंग पाऊडर से धुलते हैं जो भी वे घर में ही तैयार करते हैं। ये चीज़ें अब तक सेल के लिए उपलब्ध नहीं है। पर कुछ नया खोजने की उनकी जिज्ञासा के कारण वे हर समय प्रयोग कर रहे होते हैं।

ट्रीवियर के को-फाउंडर ये दोनों भाई अलग-अलग बैकग्राउंड के हैं — प्रोडक्ट डिज़ाइन और साइकोलॉजी — लेकिन सस्टेनेबल जीवनशैली के विचार दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं। मिशाल कहता है, "हमें पर्यावरण पर अपने प्रभाव की परवाह है और इसीलिए हम कुछ ऐसा करना चाहते थे जो हमें सस्टेनेबल रूप से उससे जोड़े रखे। जब हमने अपना कुछ करने का सोचा तो हमें पता था कि वो काम पर्यावरण के लिए ही होगा।"

'हमें पर्यावरण पर अपने प्रभाव की परवाह है और इसीलिए हम कुछ ऐसा करना चाहते थे जो हमें सस्टेनेबल रूप से उससे जोड़े रखे।'

ट्रीवेयर की टी-शर्ट एक अपसाइकिल की हुई प्लास्टिक की बोतल में पैक होकर आती है  

दोनों भाइयों ने ऑर्गेनिक कॉटन और डाई से बनी हुई टी-शर्ट से शुरू किया। इन्हें पुरानी मिनरल पानी की बोतलों में भेजा जाता है और इनका जो स्क्रैप होता है उससे अपसाइकिल किए हुए फ़ुटमेट बनाए जाते हैं। इस शुरुआत के बाद वे ऐसी चीजें बनाने पर आए जो उनको अपनी पर्सनल लाइफ़ में भी ज़्यादा माइंडफ़ुल बनाएं। “जब हम अपनी प्रोडक्ट लाइन पर सोच रहे थे, हमने ऐसे प्रोडक्ट्स के बारे में सोचा जो हम रोज़ इस्तेमाल करते थे और वो पर्यावरण को दूषित कर रहे थे लेकिन उनका कोई सस्टेनेबल विकल्प नहीं था। जैसे साबुन का अच्छा विकल्प ढूंढना आसान है लेकिन हम बाथरूम प्रोडक्ट से आगे सोच रहे थे,” मिशाल बताता है।

TreeWear’s organic hand sanitizer

इनका ब्रांड टी-शर्ट के सिवा फ़िलहाल हैंड सैनिटाइज़र, इन्सेक्ट रेपेलेंट और पेपर स्टिक डिओडरंट बना रहा है। ये सारा मेटिरियल ऑर्गेनिक है और कुछ तो फ़ूड ग्रेड भी है। “अगर ये खाने के लिए ठीक है तो आपकी स्किन पर लगाने के लिए ठीक है," मिकाइल कहता है। अपने प्रोडक्शन प्रोसेस को पारदर्शी रखने के लिए ट्रीवेयर ऐसे प्रोडक्ट काम में लेता है जो लोग आसानी से पहचान सकते हैं और उन तक पहुँच सकते हैं। "हम लोगों को अजीब नाम वाले इंग्रेडिएंट बता कर दूर नहीं करना चाहते हैं जैसे कई ब्रांड करते हैं। अजीबोग़रीब नाम देकर नॉन-ऑर्गेनिक पदार्थ डाल दिए जाते हैं जिसे 'ग्रीन वॉशिंग' कहते हैं। हम सिर्फ़ वही चीज़ें डालते हैं जो आप पहचानते हैं और शायद काम में भी ले चुके हैं।”

'हम लोगों को अजीब नाम वाले इंग्रेडिएंट बता कर दूर नहीं करना चाहते हैं जैसे कई ब्रांड करते हैं'

2016 में जन्मा ये काम इन दो लोगों की फ़ौज ने शुरू किया जो प्रोडक्शन और पैकिजिंग से फ़ोटोग्राफ़ी, मार्केटिंग और वेबसाइट डिज़ाइन को भी देखती थी। तीन साल बाद अब उनके पास कुछ और लोग हैं और वे जल्द ही अलीबाग के कुछ गाँव वालों को वहाँ शुरू होने वाले अपने स्टूडियो में नौकरी देंगे।

A novel concept that the brothers have introduced as incentive to their customers is the chance to help plant a tree or ‘Buy one get one tree’ as they call it. For every T-shirt purchased or every few personal care products bought, they sponsor the planting of a tree, the growth of which can be tracked by the customer. “When we thought of designing the T-shirts, the tree print was the unanimous idea. So we thought why not extend it to the physical world? We work with Grow-Trees.com to plant trees across the country. Not only do they plant excess trees to account for the ones that won’t survive the initial stages, but also employ locals in the area for the tree’s upkeep for up to three years,” informs Mishal.

'हर टी-शर्ट या कुछ प्रोडक्ट की ख़रीद पर, एक पेड़ का लगाना स्पॉन्सर किया जाता है जिसके विकास को ग्राहक ट्रैक कर सकते हैं'

अब आगे, मिशाल और मिकाइल अपनी रेंज में अलग-अलग तरह के प्रोडक्ट जोड़ना चाहते हैं ताकि और लोग सस्टेनेबल रास्ते को अपनाएं। “हमारी फ़िलॉसोफ़ी यह है कि यदि आप ऐसे प्रोडक्ट काम में लेते हैं जो ऑर्गेनिक नहीं हैं तो आप ज़रूर सस्टेनेबल विकल्प की तरफ़ जाएँ। लेकिन यदि आप डीओस्टिक या हैंड सैनिटाइज़र इस्तेमाल ही नहीं करते तो आप वहीं हैं जहाँ हम दूसरों को देखना चाहते हैं — ऐसी जगह जहाँ कम चीज़ों से काम चलता हो।”

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