अभी पढ़ रहे हैं
आपके बच्चे को लकड़ी के खिलानों से जोड़ने के तीन कारण

आपके बच्चे को लकड़ी के खिलानों से जोड़ने के तीन कारण

Neha Talwalkar
  • कल्पना-शक्ति बढ़ाने से लेकर माइंडफ़ुलनेस तक, लकड़ी के खिलौनों की चमक प्लास्टिक वालों से कहीं बढ़ कर है।

चन्नपटना, बेंगलुरु के बाहरी इलाके पर बसा हुआ एक छोटा सा शहर, अपने लकड़ी की खिलोनों के लिए मशहूर है। माना जाता है कि महान राजा टीपू सुल्तान को भी इन खिलोनों ने लुभा लिया था। आज भी ये खिलौने बच्चों में पसंद किये जाते हैं। युगों से चलते आ रहे ये खिलौने टाइमलैस हैं पर फिर भी प्लास्टिक के चकाचक खिलौनों के आगे फीके हो जाते हैं। क्यों?

मेटिरियल का फ़ायदा

खिलौनों की इंडस्ट्री बहुत बड़ी है और पिछले साल सिर्फ अमेरिका में ही इस इंडस्ट्री ने 22 बिलियन डॉलर की बिक्री की थी। इसके बावजूद, सस्टेनेबल खिलौनों का मार्किट बहुत सीमित है। ये खिलौने प्राकृतिक, बायोडिग्रेडेबल तत्वों से बनते हैं जैसे कि लकड़ी, रुई, मेटल और प्राकृतिक रबड़। ये प्लास्टिक के खिलौनों से ज़्यादा टिकाऊ भी होते हैं। ये खिलौने हर पीढ़ी के बच्चों का मन लगाते हैं। इनकी विशेषता यह है कि ये आसानी से नहीं टूटते हैं, चाहे कोई इन्हें दूसरी मंज़िल से नीचे फेंक दे या ज़मीन पर पटक-पटक कर तोड़े। तीन साल के शैतान बच्चे से भी एक लकड़ी का बना हुआ ब्लॉक आसानी से नहीं टूटेगा। दूसरी तरफ, प्लास्टिक के खिलौने आसानी से टूट जाते हैं।

लकड़ी के खिलौने ज़्यादा मजबूत होते हैं और हर पीढ़ी के बच्चों का मन लगाते हैं

प्लास्टिक ब्रेक तो होता है, लेकिन ब्रेकडाउन नहीं होता

इन खिलौनों पर केमिकल की परत चढ़ी होती है जिससे ग्रीनहाउस गैस जैसे एमिशन होते हैं। इन खिलौनों में प्लास्टिक व मेटल मिक्स होता है और इसीलिए इनको रिसाइकिल या ब्रेकडाउन करना मुश्किल होता है। प्लास्टिक एक नाज़ुक पदार्थ है और इस कारण से इन खिलौनों का बहुत सीमित जीवन होता है — कभी-कभी तो बस कुछ दिन या हफ़्ते। ये बात यहां ख़त्म नहीं होती। इनके नुक्सान बहुत हैं। ये छोटे, नुकीले टुकड़ों में टूट सकते हैं जो चोट पहुंचा सकते हैं और बच्चे इनको मुँह में ले लें तो बहुत मुश्किल हो सकती है।

इन सभी कमियों के बावजूद प्लास्टिक राज कर रहा है। क्योंकि, न केवल ये लकड़ी से ज़्यादा सस्ता है पर इसके बहुत फ़ायदे भी हैं। प्लास्टिक को आसानी से मोड़ा जा सकता है, इसके कारण उसमें बहुत से बिजली के पार्ट जोड़ कर अलग-अलग खिलौने बनाये जा सकते हैं जो गा के या डांस कर के लाइट और सेंसरी एलिमेन्ट से बच्चे को रिझा सकते हैं। लेकिन क्या ये उसके लिए ठीक है?

इमेज सोर्स: आईस्टॉक

प्रकृति कल्पना को जगाती है

सच बात यह है कि बच्चे अपनेआप में क्रिएटिव तरह से हल ढूंढते हैं और खिलौने उनके सीखने के लिए एक माध्यम होने चाहिए न कि उन्हें ये सीखना चाहिए कि खिलौनों से कैसे खेलें। बच्चों को अपनी कल्पना ऐसे खिलौनों से बनानी चाहिए जो उनके इंटरैक्शन को कंट्रोल न करें पर उनके हिसाब से काम करें। प्लास्टिक के खिलौने अपने नियमों के साथ आते हैं — लीवर पुल करो, बटन दबाओ आदि। इन्हें अक्सर किसी बड़े को पढ़कर, खुद समझकर, बच्चों को समझाना पड़ता है। ये अपनेआप में अजीब बात है।

ज़्यादातर बच्चे एक खाली डब्बे, कटोरी या चम्मच से ही खुश हो जाते हैं। उनको इन चमकीले खिलौनों के ड्रामा या लगातार रिझाये रखने की कोई ज़रुरत नहीं हैं। बोर होने से उनकी कल्पना-शक्ति और क्रिएटिविटी बढ़ती है क्योंकि दिमाग को उतना खाली समय मिलता है कुछ नया खोजने या बना कर खुद को खुश करने के लिए। यदि बच्चों को खिलौने देने ही हैं तो अधिकतर लकड़ी के खिलौने उनको अपनेआप कुछ नया ढूढ़ने का मौका देते हैं। ये ही आज की आवश्यकता है — ऐसे खिलौने जिनको अलग किया जा सकता है या किसी और चीज़ में बदला जा सके या वापस बनाया जा सके — जैसे पुराने समय के लकड़ी के एक-के-अंदर-एक आने वाले खिलौने, लकड़ी के ब्लॉक, संतुलन वाले खिलौने, साधारण लाल रबर की बॉल आदि। ऐसे प्लास्टिक खिलौने भी हैं जो क्रिएटिविटी और बढ़ाने में मदद करते हैं। लेकिन चमकीली पीली चीज़ों में से सोने को खोज निकालना आसान नहीं होता है।

प्लास्टिक के खिलौने अपने नियमों के साथ आते हैं — लीवर पुल करो, बटन दबाओ आदि। लकड़ी के खिलौने बच्चों को अपनेआप कुछ नया ढूढ़ने का मौका देते हैं।

इमेज सोर्स: आईस्टॉक

नया खिलौना खरीदने के पहले सोचें

Ask yourself a few simple questions while buying a toy. Is the toy 10 per cent-toy and 90 per cent-child centric? Is this adding value? Children today, growing up in an urban landscape, with minimal access to open recreational spaces and the joys of the natural world are anyway deprived of the palpable pleasure of being able to connect with natural materials in the outdoors – to be able to experience objects that feel firm and yet soft, familiar and yet indescribable. Let’s give them these little joys. They’re far more elusive than you might think.

लकड़ी के खिलौने कहाँ से खरीदे जा सकते हैं?

  1. हमारी सबसे पसंदीदा जगह हैंडीक्राफ्ट प्रदर्शनियाँ हैं जो समय-समय पर अलग-अलग शहरों में लगाईं जाती हैं।  
  2. ब्रेनस्मिथ (https://www.brainsmith.in) के पास प्रीमियम लकड़ी के खिलौने मिलते हैं जो सस्टेनेबल टिम्बर से बनते हैं जिनपर प्रमाणित नॉन-टॉक्सिक कोटिंग होती है।
  3. ब्लून टॉयज (https://bloontoys.com) के रूप में एक नया नाम इन खिलौनों से जुड़ा है। इस वेबसाइट पर सुन्दर, कलात्मक खिलौने उपलब्ध हैं जो मॉडर्न और ट्रेडिशनल दोनों हैं ।
  4. पिकोलो टॉयज (http://www.piccolotoys.in) पर लकड़ी के बने इंद्रधनुषी स्टैकर्स, डोरी लगी हुई हाथगाड़ी, लकड़ी के ब्लॉक्स तथा अन्य दिलचस्प खिलौने उपलब्ध हैं।
View Comments (0)

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Scroll To Top

Eco-Conscious Shopping- एक्स्प्लोर करें

Shop Ethically- Earn Ethicoins

Shipping Flat Rs 99 for All Orders- एक्स्प्लोर करें